बेंगलुरुः इन दिनों एयरपोर्ट्स और फ्लाइट्स खूब चर्चा में हैं। अब मुंबई-बेंगलुरु स्पाइसजेट की फ्लाइट में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई। फ्लाइट के टॉइलट के अंदर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर 100 मिनट तक फंसा रहा। 37 साल के इस इंजीनियर ने बेंगलुरु आकर वह खौफनाक डेढ़ घंटे बयां किए। उसने बताया कि इन डेढ़ घंटे तक वह घबराया रहा। उसने कोई चिकित्सा सहायता नहीं दी गई, यहां तक कि बीपी चेक भी नहीं किया गया। वह सदमें में था और फ्लाइट के स्टाफ ने इसकी परवाह नहीं की। उन्होंने इस घटना को ऐसे नजरअंदाज किया, जैसे कि कुछ हुआ ही न हो।युवक ने कहा, ‘बेंगलुरु में विमान के उतरने के दौरान शौचालय के अंदर फेंक दिए जाने से मैं सदमे में था, चकित था और घायल हो गया था। कोई चिकित्सा सहायता नहीं थी।’5000 के वाउचर की पेशकशबेंगलुरु के तकनीकी विशेषज्ञ ने कहा कि वह अब एयरलाइन पर मुकदमा करेंगे। उनकी जान जोखिम में डालने के लिए डीजीसीए में शिकायत दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट ने उन्हें मुआवजे के रूप में 5,000 रुपये के वाउचर की पेशकश की, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।स्पाइसजेट का बयानस्पाइसजेट ने कहा कि चालक दल ने यात्री को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया। इंजीनियर ने शौचालय का दरवाजा खोला, और यात्री को तत्काल चिकित्सा सहायता मिली। स्पाइसजेट यात्री को हुई असुविधा के लिए माफी मांगती है। स्पाइसजेट ने कहा कि यात्री को पूरा रिफंड दिया जा रहा है।ऐसे टॉइलट में हुआ लॉककोरमंगला निवासी इंजीनियर मुंबई में अपने परिवार से मिलने के बाद बेंगलुरु लौट रहा था। उन्होंने कहा, ‘मंगलवार को सुबह 2.10 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद, मैं विमान के सामने बाईं ओर शौचालय का उपयोग करने गया।’ कुछ ही मिनटों में, मुझे एहसास हुआ कि ताला में कुछ गड़बड़ है और मैंने उसे खोलने की कोशिश की।कमोड में बैठकर की यात्राइंजीनियर ने कहा, ‘मैं चालक दल का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा, जिन्होंने दरवाजा खोलने की कोशिश की। यह हर मिनट डरावना होता जा रहा था। स्पाइसजेट के सूत्रों ने कहा कि चालक दल को एहसास हुआ कि टॉइलट का दरवाजा जाम हो गया था। उन्होंने यात्री से कहा कि वह घबराएं नहीं। इंजीनियर ने बताया कि विमान सुबह 3.42 बजे केआईए में उतरा। सभी यात्रियों के उतरने के बाद एक विमान इंजीनियर उड़ान में सवार हुआ। वह अभी भी तंग शौचालय के अंदर फंसा हुआ था। लैंडिंग भयानक थी क्योंकि वह कमोड पर बैठे थे।लैडिंग के दौरान लगीं चोटेंइंजीनियर ने बताया कि लैंडिंग के दौरान वह पूरे टॉइलट में उधर-उधर गिरते रहे। वह खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। उनके शरीर में कई अंदरूनी चोटें आईं। सिर पर भी कई बार चोट लगी। लैंडिंग के बाद वह पस्त पड़ गए थे। उन्होंने कहा, ‘लैंडिंग के बाद भी दरवाजा तोड़ने में 20 मिनट लग गए। जब मैं बाहर आया, तो मुझे चोटें आईं, और मुझे कुछ समय के लिए धुंधला सा दिखाई दे रहा था। लेकिन शौचालय से बाहर आने के बाद भी मुझे कोई चिकित्सा सहायता नहीं मिली। मुझे स्पाइसजेट से पानी की एक बोतल दी और सिर्फ माफी मांगी।’कथित तौर पर कर्मचारियों ने उसे एक कैब में बिठाया। वह औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए एक नोडल स्पाइसजेट अधिकारी से मिलना चाहता था लेकिन उसे ऐसा नहीं करने दिया गया। वह दर्द और सदमे में था। उसके तामम अनुरोध के बावजूद घर भेज दिया गया।