डॉलर के मुकाबले रुपये के दाम में रेकॉर्ड गिरावट
पाकिस्तानी रुपया गुरुवार को 9.61 गिर गया जो 2 दशक बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट है। बताया जा रहा है कि आईएमएफ के दबाव के बाद पाकिस्तान सरकार ने रुपये के ऊपर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया जिससे डॉलर के मुकाबले दाम में रेकॉर्ड गिरावट आई। पाकिस्तान में यह ताजा आर्थिक संकट आज से नहीं बल्कि साल 2019 से चल रहा है। पाकिस्तान तब से आईएमएफ से लोन की गुहार लगा रहा है लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं हो रही है। अब पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत ही खराब हो गई है।पाकिस्तान के पास अब करीब 3 हफ्ते का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। पाकिस्तानी आर्थिक विशेषज्ञ नवीद वकील कहते हैं कि पाकिस्तान अब यह इरादा दिखा रहा है कि वह आईएमएफ की मांगों को मानने जा रहा है। पाकिस्तान सरकार अरबों रुपये के नए टैक्स लगाने जा रहा है। इसके अलावा यह स्थिति तब है जब पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 3 हफ्ते का बचा है और बंदरगाहों पर शिपिंग कंटेनर सामानों से भरे हैं। पाकिस्तान के पास इतने डॉलर नहीं है कि वह इन कंटेनर के सामान को आने दे।
आटा 3100 रुपये में 20 किलो बिक रहा
इन कंटेनरों में उद्योगों के लिए कच्चा सामान, फूड आइटम, मेडिकल उपकरण आदि शामिल हैं। पाकिस्तान में महंगाई इतना ज्यादा बढ़ चुकी है कि 20 करोड़ लोग कराह रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में फूड आइटम और गैर फूड आइटम के महंगाई का स्तर 28.7 प्रतिशत तक पहुंच गया है। एक उदाहरण के लिए प्याज की कीमत पिछले साल के मुकाबले 501 प्रतिशत बढ़ चुकी है। पाकिस्तान में आटा 3100 रुपये में 20 किलो बिक रहा है। विश्व खाद्य कार्यक्रम का अनुमान है कि 85 लाख से लेकर 60 लाख लोग खाने की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इस संकट के बीच अब आशा की किरण केवल आईएमएफ है। पाकिस्तान की आईएमएफ से फिर से बातचीत शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को अगर 6 अरब डॉलर की आर्थिक मदद आईएमएफ से नहीं मिलती तो उसकी हालत श्रीलंका जैसी हो सकती है।