नई दिल्ली: सरकार ने गांवों के लिए अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतनेट परियोजना के अंतर्गत 6.4 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड संपर्क से जोड़ने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारतनेट परियोजना के अंतर्गत 1.94 लाख गांवों को जोड़ा जा चुका है और बाकी गांवों को ढाई साल में जोड़ने की संभावना है। इस योजना से 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार देशभर में ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) की 37 लाख रूट किलोमीटर (rkm) फैली हुई है, जिसमें से 7.7 लाख आरकेएम बीबीएनएल (BBNL) ने बिछाई है।एक सूत्र ने कहा कि मंत्रिमंडल ने शुक्रवार शाम को हुई बैठक में देश के सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर आधारित कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए 1,39,579 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। अंतिम छोर तक संपर्क बीएसएनएल की शाखा भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड ग्राम स्तरीय उद्यम (VLE) के साथ मिलकर उपलब्ध कराएगी। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय उद्यमियों की मदद से फाइबर को घर-घर पहुंचाने के मॉडल को एक प्रायोगिक परियोजना के सफल समापन के बाद अंतिम रूप दिया गया। इस परियोजना के तहत घरों को जोड़ने के लिए आवश्यक उपकरण और अतिरिक्त फाइबर बीबीएनएल द्वारा प्रदान किए जाते हैं और स्थानीय उद्यमियों को नेटवर्क के रखरखाव का काम सौंपा गया है। कितनी है कीमतएक सूत्र ने कहा कि लगभग 60,000 गांवों के लिए चलाई गई प्रायोगिक परियोजना में लगभग 3,800 उद्यमी शामिल थे, जिन्होंने 3.51 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराए। प्रति घर औसत डेटा खपत प्रति माह 175 गीगाबाइट दर्ज की गई है। यह परियोजना बीबीएनएल और वीएलई के बीच 50 प्रतिशत राजस्व-साझाकरण के आधार पर शुरू की जा रही है, और मासिक ब्रॉडबैंड योजना की कीमत 399 रुपये से शुरू होती है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन से ग्रामीण इलाकों में लोगों को काफी फायदा हो रहा है। गांव के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल रही है और बच्चे गांव में ही रहकर कंप्टीशन की तैयारी कर पा रहे हैं।