सुनक ने कहा कि ब्रिटेन और चीन के बीच रिश्तों का स्वर्णिम काल खत्म हो गया है और इसके साथ यह विचार भी खत्म हो गया है कि व्यापार से अपने आप ही सामाजिक और राजनीतिक सुधार होंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को चीन के प्रति अपने दृष्टिकोण विकसित करना होगा। सुनक ने बताया कि चीन अपने सभी सरकारी ताकत का इस्तेमाल दुनिया में प्रभाव बढ़ाने के लिए कर रहा है। सुनक ने कहा कि उनकी सरकार हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सहयोगियों के साथ अपने व्यापार और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर प्राथमिकता देगी।
सुनक अपनी ही पार्टी के निशाने पर
ब्रिटिश पीएम ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। इससे पहले सुनक अपनी ही पार्टी के विरोधियों के निशाने पर आ गए थे जो आरोप लगा रहे थे कि सुनक अपनी पूर्ववर्ती लिज ट्रस के मुकाबले कम कठोर रवैया रख रही हैं। इससे पहले लिज ट्रस के खिलाफ अपनी दावेदारी के दौरान ने ऋषि सुनक ने वादा किया था कि अगर वह जीतते हैं तो चीन के खिलाफ सख्त रवैया अपनाएंगे। उन्होंने चीन को घरेलू और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा नंबर 1 बताया था।
इससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सुनक और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक होनी थी लेकिन वह हो नहीं पाई थी। ब्रिटेन ने चीन में बने सुरक्षा कैमरों को संवेदनशील सरकारी इमारतों में लगाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच सुनक ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को दोहराया है। भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार विदेश नीति के संबंध में पहली बार भाषण दिया है।