जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को होगा। 199 सीटों पर इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हर पांच साल में सरकार बदलने वाले राज्य में इस चुनाव को राज (सरकार) और ‘रिवाज’ बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ सालों से यहां हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है। जनता एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी को सत्ता की चाबी सौंपती है। बीजेपी ने चुनाव प्रचार में खूब दमखम दिखाया है। प्रचार के अंतिम दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की कमान संभाली तो कांग्रेस के दिग्गज भी मैदान में उतरे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी 7 गारंटियों पर भरोसा है और उम्मीद है कि इस बार यह ‘रिवाज’ बदलेगा। उनकी फिर से सरकार बनेगी। उधर, बीजेपी को अपने संकल्प पत्र की घोषणा और अन्य बातों के अलावा इस ‘रिवाज’ से भी बड़ी उम्मीद है। राज्य में 200 में से 199 सीट पर मतदान हो रहा है जहां 5.25 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डाल सकेंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच माना जा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य में ‘राज और रिवाज’ बदलने की इस लड़ाई में पूरी ताकत झोंकते हुए जोरदार चुनाव प्रचार किया, लेकिन यह प्रचार अभियान गुरुवार को थम गया। 200 सीटों में से 199 पर ही मतदानराजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीट हैं। करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन 199 सीट पर 1862 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 5,25,38,105 है। इनमें 18-30 आयु वर्ग के 1,70,99,334 युवा मतदाता शामिल हैं, जिनमें 18-19 आयु वर्ग के 22,61,008 नए मतदाता शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदान शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांरटी पर भरोसा बीजेपी और कांग्रेस के इन दिग्गजों की चुनावी किस्मत दांव परसत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से इस बार भी अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे नेताओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, महेंद्रजीत सिंह मालवीय तथा अशोक चांदना व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हैं। वहीं, बीजेपी के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया तथा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ व किरोड़ी लाल मीणा मैदान हैं। बीजेपी ने 59 विधायकों को चुनाव लड़ाया, कांग्रेस के 97 मैदान मेंबीजेपी ने कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा छह सांसदों और एक राज्यसभा सदस्य सहित 59 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने सात निर्दलीय विधायकों और एक बीजेपी विधायक-शोभारानी कुशवाह, जिन्हें पिछले साल बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था, सहित 97 विधायकों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरों में से एक पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा हैं, जो नागौर से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस पार्टी ने चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ चुनावी गठबंधन किया है।40 बागियों के साथ माकपा, आरएलपी, बीटीपी भी मैदान मेंबीजेपी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2018 की चुनाव की तरह अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के लिए एक सीट (भरतपुर) छोड़ी है। भरतपुर सीट से आरएलडी के मौजूदा विधायक सुभाष गर्ग चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य में इसके अलावा माकपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम समेत कई पार्टियां भी मैदान में हैं। बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के 40 से अधिक बागी भी मैदान में हैं। मौजूदा विधानसभा की बात करें तो इस समय कांग्रेस के 107 विधायक, बीजेपी के 70, आरएलपी के तीन, माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो-दो, राष्ट्रीय लोक दल का एक विधायक है। निर्दलीय विधायक 13 हैं जबकि दो-दो सीट (उदयपुर और करणपुर) खाली है।