उच्चतम न्यायालय नेसोमवार को कर्नाटक के तुमकुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल (सेक्युलर) के विधायक डी.सी. गौरीशंकर स्वामी की अयोग्यता पर रोक लगा दी और उन्हें दक्षिणी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति दी।
शीर्ष अदालत ने, हालांकि, कहा कि स्वामी सदन के पटल पर या किसी भी समिति में अपना मत डालने के हकदार नहीं होंगे जहां उन्हें सदस्य के रूप में नामित किया गया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की पीठ ने 30 मार्च के अपने आदेश में पारित कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा था, “ 15 मई 2018 को फॉर्म 21सी के मुताबिक तुमकुर ग्रामीण सीट से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित घोषित डी.सी. गौरीशंकर स्वामी का निर्वाचन एतदद्वारा शून्य घोषित किया जाता है।”
अदालत ने वकील बालाजी श्रीनिवासन के माध्यम से दायर की गई स्वामी की अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता के.के.वेणुगोपाल ने तर्क दिया जिसे अदालत ने स्वीकार किया और अंतरिम उपाय के रूप में कहा, “यह निर्देश दिया जाता है कि: (1) 30 मार्च, 2023 के विवादित फैसले के पैरा 154 (ए) में उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देश पर रोक रहेगी।”
पीठ ने कहा कि स्वामी 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ने के हकदार होंगे, बशर्ते अदालत उचित स्तर पर आगे के निर्देश दे।
उसने कहा, “अपीलकर्ता वर्तमान राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में सभी विशेषाधिकारों, भत्तों और लाभों का हकदार होगा। हालांकि, वह सदन के पटल पर या किसी भी समिति में अपना वोट डालने का हकदार नहीं होगा, जहां उसे सदस्य के रूप में नामित किया गया हो।”
पीठ ने आगे निर्देश दिया कि पक्ष 13 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद उचित दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र होंगे। अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 जुलाई को तय की है।
उच्च न्यायालय ने कथित चुनावी कदाचार से संबंधित एक मामले में 30 मार्च को स्वामी को अयोग्य घोषित कर दिया था।
अदालत ने हालांकि अयोग्यता को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था, जिससे विधायक को सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करने की अनुमति मिली।