जौनपुर में रची थी जीवा की हत्या की साजिश, शादी समारोह में विजय यादव से कौन मिला था?

लखनऊ : मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर की लखनऊ सेशन कोर्ट में हत्या उसके निजी सुरक्षा काफिले में शामिल एक करीबी की मुखबिरी पर हुई थी। हत्या की साजिश जौनपुर के एक समारोह में रचे जाने की आशंका है। ऐसे इनपुट मिलने के बाद एसटीएफ ने जेल से पेशी पर जाते समय जीवा की सुरक्षा में मौजूद रहने वाले उसके करीबियों के बारे में छानबीन तेज कर दी है।जिला जेल से जीवा पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के साथ अपनी भी सिक्योरिटी लेकर पेशी पर आता था। जेल से निकलते ही लग्जरी गाड़ियों का काफिला उसकी गाड़ी के साथ चलता था। सूत्रों का यह भी कहना है कि जेल से निकलते ही उसके गुर्गे उसे बुलेटप्रूफ जैकेट पहना देते थे, लेकिन बुधवार को पेशी पर आने के दौरान उसने बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहनी थी। आशंका है कि साजिश के तहत गर्मी का हवाला देकर उसे जैकेट नहीं पहनाई गई और इसकी सूचना हमलावर तक पहुंचा दी गई थी। एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि जीवा के पांच करीबी संदेह के घेरे में हैं।11 मई को एक समारोह में मिला था कॉन्ट्रैक्ट!हत्यारोपी जौनपुर निवासी विजय मुंबई में नौकरी करता था। वह किसी कॉल पर जौनपुर वापस आया और 11 मई को एक समारोह में शामिल हुआ था। उसके बाद उसका मोबाइल फोन बंद हो गया था। सूत्रों की मानें तो इसी समारोह में विजय को जीवा को ठिकाने लगाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। यह भी इनपुट मिले हैं कि विजय समारोह में शामिल होने के बाद बहराइच गया था। माना जा रहा है कि बहराइच में ही उसे चेकोस्लोवॉकिया मेड रिवाल्वर मुहैया करवाई गई थी। अब जांच एजेंसियां जौनपुर और बहराइच में उससे मिलने वालों का ब्योरा खंगाल रही हैं।लखनऊ में भी मददगार की तलाशविजय मंगलवार को ही लखनऊ आया था। वह घर वालों से नौकरी तलाशने जाने की बात कहकर निकला था। लखनऊ के सेशन कोर्ट के बारे में उसे खास जानकारी नहीं थी, इसके बावजूद वह वकील के वेश में एससीएसटी कोर्ट में पहुंचा और जीवा पर गोलियां बरसा दीं। इससे साफ है कि घटनास्थल पर उसके मददगार मौजूद थे।विजय के खिलाफ दर्ज हुआ केसजीवा की सुरक्षा में तैनात एसआई ने आनंद उर्फ विजय के खिलाफ वजीरगंज कोतवाली में हत्या का केस दर्ज करवाया है। पुलिस के मुताबिक वॉशरूम से लौटते समय कोर्ट रूम के गेट पर सिर्फ विजय ने ही जीवा पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। उसकी अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उसे मौके पर ही पकड़कर हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर व खोखे कब्जे में ले लिए थे। एसआईटी ने भी जांच शुरू कर दी है।चप्पे-चप्पे पर चौकसी, वकीलों का अल्टीमेटमसेशन कोर्ट में बुधवार को हुई वारदात के बाद कचहरी परिसर में सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। हर गेट पर चेकिंग के बाद ही पुलिसकर्मी किसी को भीतर जाने दे रहे थे। घटना के विरोध में वकील गुरुवार को हड़ताल पर रहे। लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री कुलदीप नारायन मिश्रा का कहना है कि 48 घंटे के भीतर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।