रामराज्य में भी होता था बजट, RSS वाले अनपढ़… कुमार विश्वास का वीडियो वायरल

कविराज कुमार विश्वास भले ही राजनीति से संन्यास ले चुके हों मगर वो इसको लेकर लगातार कटाक्ष करते रहते हैं. उनका एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है. कुमार विश्वास मध्य प्रदेश के उज्जैन में रामकथा का सुना रहे थे. इसी दौरान बातों ही बातों में उन्होंने संघ को अनपढ़ और वामपंथियों कुपढ़ करार दिया. यह वाकया उस दौरान हुआ जब विक्रमोत्सव मे आए कुमार विश्वास ने रामकथा कर रहे थे. इस दौरान वहां पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव व सांसद अनिल फिरोजिया भी मौजूद थे. जैसे ही उन्होंने संघ को अनपढ़ कहा कार्यक्रम स्थल पर तालियां बज उठी. अब यह वीडियो काफी चर्चाओं का विषय बना हुआ है.
वायरल वीडियो में कुमार विश्वास कह रहे हैं, “आज से चार साल पहले एक बजट आने वाला था. मैं अपने घर के स्टूडियो पर खड़ा था और कुछ रिकॉर्डिंग कर रहा था. एक बच्चे ने मोबाइल ऑन कर दिया. वो बच्चा हमारे साथ काम करता था. वो आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) से जुड़ा हुआ करता था. मुझसे बोला भैया बजट आ रहा है. कैसा आना चाहिए? मैंने कहा तुमने तो राम राज्य की सरकार बनाई है तो फिर राम राज्य जैसा बजट आना चाहिए. उस लड़के ने पूछा कि भइया, राम राज्य में कहा बजट होता था.”
कुमार विश्वास का वीडियो वायरल
वीडियो में आगे कुमार विश्वास कह रहे हैं, ‘उसने (लड़के) ने पूछा राम राज्य में कहां बजट होता था? मैंने कहा समस्या तुम्हारी यही समस्या है. वामपंथी तो कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो.” कुमार विश्वास ने कहा कि इस देश में दो लोगों का झगड़ा चल रहा है, एक वामपंथी हैं जो कुपढ़ हैं उन्होंने पढ़ा सब है लेकिन गलत पढ़ा. और एक ये लोग हैं जिन्होंने पढ़ा ही नहीं और कहते ऐसे हैं जैसे ये ज्ञाता हों. ये ऐसे बोलते हैं कि हमारे वेदों में लिखा है कि जबकि कभी वेदों को देखा तक नहीं होगा.
रामराज्य का बजट- कुमार विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा कि जो लोग बोल रहे थे रामराज्य में कहां बजट होता था. तो सुन लो. भगवान राम जब वनवास के दौरान चित्रकूट पहुंचे तो उनसे मिलने भरत पहुंचे. राम ने भरत को रात में बैठकर समझाया. कुमार ने आगे कहते हैं कि भगवान ने भरत से पूछा कि बेटा टेक्स्ट कैसे ले रहे हो पैसा-वैसा ठीक-ठाक आ रहा है. भरत ने कहा- हां, भैया से टैक्स लेते हैं वैसे ले रहा हूं.
राम-भरत का किस्सा
कुमार कहते हैं कि भगवान राम ने भरत से कहा नहीं हम सूर्यवंशी हैं हमको टेक्स ऐसे लेना चाहिए जैसे सूरज लेता है. भरत ने पूछा कि भैया सूरज कैसे टैक्स लेता है? कुमार आगे कहते हैं कि अब सुने यहां के वित्त मंत्री भी निर्मल मन के साथ निर्मला सीतारमण भी, इससे फायदा होगा देश का और स्वयं का. सूरज समुद्र से पानी ले लेता है, लेकिन समुद्र को पता नहीं चलता. नदी से पानी ले लेता है लेकिन नदी को पता नहीं चलता. इस गिलास से पानी ले लेता है उसको भी पता नहीं चलता. यहां तक की आप भीषण गर्मी में अपनी हथेली में पानी लेकर जाइये वो भी गायब हो जाएगा. वो कहां जाता है आसमान में और फिर जहां जरुरत होती है वहां पर बरस जाता है.