अगस्त 2021 में जब से तालिबान ने सत्ता संभाली है तब से ही अफगानिस्तान में कई चीनी प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इनकी वजह से चीनी नागरिकों की संख्या भी बढ़ गई है। चीन ने काबुल में अपना दूतावास भी बरकरार रखा है जबकि अभी तक किसी भी अधिकारी को दूतावास को जिम्मा नहीं सौंपा गया है।
होटल के अंदर से फायरिंग
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो हमलावरों ने सेंट्रल काबुल स्थित बिल्डिंग के अंदर से फायरिंग करनी शुरू कर दी। यहां पर कुछ विदेशी नागरिक भी रुके हुए हैं। बताया जा रहा है कि गेस्ट हाउस शेर-ए-नॉ इलाके में स्थित है। इस गेस्ट हाउस में अक्सर विदेशी और चीनी नागरिक आकर रुकते हैं। ठीक एक दिन पहले ही चीन के राजदूत वांग यू ने तालिबान के उप-विदेश मंत्री स्टैनिकजई से मुलाकात की थी।
चीन सुरक्षा को लेकर चिंतित
इस मुलाकात में उन्होंने चीन के दूतावास की सुरक्षा के लेकर चिंता जताई थी। काबुल के जिस होटल पर हमला हुआ है, उसे ‘चाइनीज होटल’ के तौर पर भी जाना जाता है।अभी तक चीनी दूतावास की तरफ से इस हमले पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अफगानिस्तान में हाल के कुछ महीनों में कई हमले हुए हैं। इनमें से कुछ की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। माना जा रहा है कि आईएसकेपी के आतंकियों ने चीनी होटल पर हमला किया है। इसी आतंकी संगठन ने ही पिछले दिनों पाकिस्तान के चीन में राजदूत पर जानलेवा हमला किया था।