तेलंगाना सरकार ने मानवाधिकार कार्यकर्ता जी हरगोपाल और पांच अन्य के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दायर मामला वापस लेने का फैसला किया है।
प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कुछ सदस्यों की संलिप्तता से जुड़े मामले में आरोपी 152 लोगों में इन छह लोगों के भी नाम हैं।
अगस्त, 2022 में हरगोपाल और कुछ अन्य के खिलाफ यूएपीए के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले को लेकर मचे हंगामे के कारण राज्य सरकार ने हाल ही में पुलिस को निर्देश दिया कि वह इन छह लोगों के नाम मामले से हटाएं।
इस पर हरगोपाल ने कहा कि सभी लोगों के खिलाफ लगे आरोपों को वापस लेकर, पूरे मामले को वापस लिया जाए।उन्होंने पार्टियों और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे इस कड़े कानून को निरस्त करने के लिए आगे आएं।
पुलिस ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हरगोपाल और अन्य पांच लोगों के नाम वापस लेने के लिए मुलुगु जिले की स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी।
ये छह व्यक्ति उन 152 लोगों (कुछ माओवादी कैडर, समर्थक और अन्य लोग) में शामिल थे जिनके खिलाफ तलडावी पुलिस थाने में यूएपीए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मुलुगु के पुलिस अधीक्षक गौश आलम ने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि इस मामले में हरगोपाल, पद्मजा शाह, वी रघुनाथ, गड्डाम लक्ष्मण, गुंटी रविंदर और सुरेश कुमार के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके नाम वापस लेने के अनुरोध के साथ अदालत में एक ज्ञापन दायर किया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से मंगलवार को कहा कि इस संबंध में अदालत में एक याचिका दायर की जा रही है।