तेजस्वी के ‘जन विश्वास’ में भीड़, वोट में होगी तब्दील? चुनावी बिसात पर ‘तीन मोहरे’ चल रहे लालू के लाल

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी भले की कुछ वक्त बचा हो, लेकिन चुनाबी विसात पर नेताओं ने अपनी चालें चलना शुरू कर दिया है। बात बिहार की करें तो महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में चले गए। नीतीश के इस कदम के बाद राजद नेता बिहार में जन विश्वास रैली निकाल रहे हैं। उनकी रैली में भीड़ में जुट रही है। हालांकि सवाल उठ रहा है कि ये भीड़ क्या वोट में तब्दील होगी? राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव रैली में आने वाले ‘भीड़ तंत्र’ को वोट में परिवर्तित करने के ‘तीन मोहरे’ यानी तीन बातों का जिक्र करना नहीं भूल रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे मेंतेजस्वी के हमले का कोणइस जनसभा में तेजस्वी के पहले निशाने पर नीतीश कुमार हैं। वहीं दूसरे नंबर पर नरेंद्र मोदी बने हुए हैं। नीतीश कुमार को लेकर ‘जनता की अदालत’ में विश्वास हासिल करने आए हैं। साथ ही नीतीश कुमार के खिलाफ वादाखिलाफी की लड़ाई भी छेड़ दी है। साथ ही यह भी कहते हैं कि हम आपकी लड़ाई लड़ने आए हैं। आपके लिए मर-मिटने को तैयार रहेंगे। हमें नया बिहार बनाना है। वे जनता से एक बार राजद को मौका देने की अपील भी करते हैं। तर्क तेज गढ़ते हैं कि नीतीश कुमार पुराने ख्यालात के हैं। उनका अब कोई विजन नहीं है। न ही गठबंधन बदलने का कोई रीजन है। बस इधर-उधर करना ही उनका काम है।रोजगार मेरा मुद्दा: तेजस्वीतेजस्वी जनसभा में रोजगार को लेकर नीतीश कुमार पर यह कह कर बरसते हैं कि ये थक चुके हैं। हमने उपमुख्यमंत्री रहते नौकरी देने की जो लकीर खींची, आप समझिए अगर मुख्यमंत्री रहे होते तो क्या होता? यह तय हो गया है कि अब देश में कोई भी नेता हो, कोई भी सरकार हो, अब वह नौकरी की बात करेगी। हमने जो वादा किया था कि मुख्यमंत्री बनेंगे तो 10 लाख नौकरियां देंगे। हमने उपमुख्यमंत्री रहते पांच लाख नौकरियां दी हैं। 460 खिलाड़ियों को नौकरी दीं। 17 महीने के लिए सत्ता मिली तो पांच लाख लोगों को नौकरी दी। अगर कुछ और समय मिल जाता तो वादा पूरा करते। आने वाले समय में आप लोग हमारा ‘हाथ’ मजबूत कीजिए, हम युवाओं की समस्या बेरोजगारी का हल ढूंढेंगे। एक मौका दीजिए, बिहार का भविष्य संवार दूंगा।पीएम मोदी पर भी तेजस्वी का हमलातेजस्वी सेक्युलरिज्म को भी अपना राजनीतिक हथियार बनाते हैं। नरेंद्र मोदी के बिहार आगमन को मुद्दा बनाते तेजस्वी जनता से कहते हैं- ‘सावधान रहिए, पीएम आ रहे हैं। फिर नया जुमला गढ़ेंगे। धर्म के नाम पर लड़ाएंगे। मगर लड़िएगा नहीं। धर्म के आधार पर विभेद पैदा करेंगे। आप उनके झांसे में नहीं आएं। और अपना जवाब वोट के मार्फत से देंगे।’