तेजस्वी की ताजपोशी बतौर मुख्यमंत्री कब? मछली के कांटे की तरह फंस गई बात, अब नीतीश के देश दौरे पर टिकी नजरें

पटना : बिहार की राजनीति के गले में मछली के कांटे की तरह जो बात फंसी हुई है, वो ये है कि तेजस्वी की ताजपोशी बतौर मुख्यमंत्री कब होगी? दिलचस्प तो ये है कि ये बात तेजी से तब से राजनीतिक गलियारों में घूम रही है, जब नीतीश कुमार ने 2025 की तरफ इशारा करते साफ कहा कि अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। तेजस्वी की ताजपोशी को लेकर ये कोई चर्चा पहली बार नहीं हुई। और न ही कोई आम कार्यकर्ता ही इस बात को तूल दे रहा है। राजद की तरफ से तो ये आवाज एक बार नहीं कई बार राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ओर से उठाई गई।

नीतीश को लेकर क्या कह गए जगदानंद?

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक बार फिर तेजस्वी की ताजपोशी की बात अपने अंदाज में कह डाली। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव का नाम लेते कहा कि हमारे नेता ने नीतीश कुमार को पीएम बनने का आशीर्वाद दिया है। लालू प्रसाद यादव ने देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल को जब अपना आशीर्वाद दिया तो वे प्रधानमंत्री बन गए। बिहार की मिट्टी में काफी ताकत है। अब जब लालू प्रसाद यादव जैसे नेता ने नीतीश जी को आशीर्वाद दे दिया तो प्रधानमंत्री बनने से उन्हें कौन रोक सकता है। राजनीतिक गलियारों में जगदानंद सिंह के बयान का यही अर्थ निकाला जा रहा है कि जब नीतीश कुमार बिहार छोड़ कर देश की यात्रा पर निकलेंगे तो वे तेजस्वी यादव को बिहार संभालने की जिम्मेवारी देकर जाएंगे।

पहले भी जगदा बाबू ने किया था इशारा

जगदानंद सिंह ने इस तरह का इशारा कोई पहली बार नहीं की है। इस बार जगदानंद सिंह का नीतीश प्रेम कुछ यूं जगा। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर ये कह दिया कि बिहार के लोग चाहते हैं कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें। इसके लिए हम पूरी ताकत लगा रहे हैं। गुजरात के लोग जैसे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, उसी तरह बिहार के लोग भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। वैसे भी नीतीश कुमार में सारी काबिलियत मौजूद हैं। जगदानंद सिंह ने कहा गुजरात के पास लोकसभा में कम सीट है लेकिन बिहार के पास 40 सीट है। तो हमारे राज्य का व्यक्ति प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता?

हाल ही में जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को इशारों में कह डाला कि ‘अब तो बड़े बन जाए’। दरअसल, उन्होंने यूं ही नहीं कह दी इतनी बड़ी बात। उन्होंने वीपी सिंह का उदाहरण देकर कहा कि बड़े पद के लिए छोटे पद छोड़ना होगा। जैसे वीपी सिंह ने पद छोड़ा और पीएम बने। इशारा ये था कि नीतीश जी सीएम का पद छोड़कर बड़े मुहिम की तरफ बढ़े यानी विपक्षी एकता की ओर।

पावर ट्रांसफर पर क्या कह रहे विशेषज्ञ?

वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय कहते हैं कि जिस तरह से जगदानंद सिंह लगातार सीएम को पद छोड़ने के लिए कह रहे हैं तो ये पूरे राजद की इच्छा होगी। जगदानंद सिंह राजनीति के एक बड़े सुलझे हुए नेता हैं। यूं हीं तो नहीं कह रहे होंगे। लालू जी का साथ लिए बगैर वो इस तरह का बयान लगातार नहीं देते। मुझे लगता है कि नीतीश कुमार भी जगदानंद सिंह के बयान से दबाव में होंगे। ये दीगर कि उन्होंने 2025 की सीमा रेखा खींच दी है लेकिन बजट सत्र के बाद देश यात्रा की बात कह कर नीतीश कुमार ने राजनीतिक जगत को संशय में डाल दिया है। तेजस्वी के सीएम बनने पर पूरी तरह मुहर के बारे में लालू प्रसाद के आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन जिस तरह से राजद उत्साहित है, कुछ नया होने के संकेत तो दिख रहे हैं।

नीतीश को लेकर क्या कहती है भाजपा?

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं कि नीतीश कुमार 2025 के पहले सत्ता नहीं सौंपने जा रहे हैं। देश यात्रा पर वे बतौर एमएलसी तो नहीं निकलेंगे। लेकिन राजद के अंदरखाने की बात करें तो बजट सत्र के बाद जदयू और राजद के विलय को राह मिल सकती है। वैसे नीतीश कुमार तो पलटू राम हैं, कभी भी विचार बदल सकते हैं।