
तेजस्वी यादव का बयान
कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार का असर डेप्यूटी सीएम तेजस्वी यादव के चेहरे पर भी दिखा। हार की बात सुनने के बाद तेजस्वी यादव पूरी तरह मायूस दिखे। हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस मसले पर पार्टी का पक्ष रखा। तेजस्वी यादव सिंगापुर से लौटने के बाद पटना में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। कुढ़नी में मिली हार ने ये बता दिया है कि महागठबंधन में कार्यकर्ताओं में एकता नहीं है। तेजस्वी ने कहा कि हम तो सिंगापुर से लौट रहे हैं। पता चला है कि हमलोग हार गए हैं। लेकिन, बहुत कम मार्जिन से हारे हैं। चाहे वह गोपालगंज हो या कुढनी, तो देखेंगे कि कहां चूक हो गई है। उन्होंने कहा कि इन पहलुओं पर विचार कर आगे की रणनीति बनाएंगे। वहीं, बीजेपी के सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मोकामा में हारे थे, तब उस पर उन्होंने क्यों नहीं कोई बयान दिया था। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी की बात से हमारे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
उमेश कुशवाहा का बयान
वहीं, कुढ़नी उपचुनाव पर जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने भ्रम फैलाकर लोकतंत्र की हत्या करके चुनाव जीता है। हम इस मामले में ज्यादा खुलासा मीडिया के सामने नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सभी मामलों की समीक्षा होगी। हम लोग आपस में बैठकर महागठबंधन के नेता भी समीक्षा करेंगे। आखिर वजह क्या है? हालांकि, हम बहुत कम अंतर से चुनाव हारे हैं। लेकिन, फिर भी हार हार होती है। उनसे जब पूछा गया कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जनता के हिसाब से सरकार को चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये उनका सुझाव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अनिल साहनी क्या बोलते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
उपेंद्र कुशवाहा का बयान
कुढनी उपचुनाव महागठबंधन की हार के बाद अनिल सहनी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर दी और मुख्यमंत्री के पद पर तेजस्वी यादव को बैठाने की बात कह दी। अब बिहार की सियासत हो गई है तेज जहां एक तरफ नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग हो रही है, तो वहीं जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसी एक व्यक्ति के बयान से कोई प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है। जब महागठबंधन होता है तो दिल से दिल की बात होती है। पार्टी से पार्टी की बात होती है। ऐसे में कोई इस्तीफा मांग रहा है, तो यह बिल्कुल बेबुनियाद बातें हैं। महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट है। आने वाले समय में भी महागठबंधन एक साथ एकजुटता साथ रहेगा।