खेला करने का सोचते रह गए तेजस्वी, फ्लोर टेस्ट से पहले हटाए गए स्पीकर

नीतीश कुमार के विश्वास मत से ठीक पहले सोमवार को लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के अवध बिहारी चौधरी को बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। इसके अलावा, राजद के तीन विधायक कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए, जिससे विपक्ष के महागठबंधन गठबंधन को बड़ा झटका लगा। राज्य विधानसभा में आज होने वाले महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण से पहले नीतीश कुमार के पास पूर्ण बहुमत है। एनडीए गठबंधन को जीत के लिए 122 के बहुमत की जरूरत है और सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार के पास 127 विधायकों का समर्थन है।इसे भी पढ़ें: Bihar Floor Test । बिहार की राजनीति में तेज हुई हलचल, विधायकों को संभालने में लगी पार्टियां, जानें अबतक क्या-क्या हुआदिन की शुरुआत में विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रह्लाद यादव को नवगठित एनडीए सरकार के पक्ष में बैठे देखा गया। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि एनडीए फ्लोर टेस्ट जीतने को लेकर “आश्वस्त” है क्योंकि उसके पास 127 विधायकों का समर्थन है। एनडीए गठबंधन में नीतीश कुमार की जेडीयू-बीजेपी गठबंधन को सत्ता में बने रहने के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 के बहुमत की आवश्यकता है।इसे भी पढ़ें: Land-For-Job Case: राबड़ी देवी, हेमा और मीसा भारती को जमानत, 28 फरवरी को अगली सुनवाईराज्य विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है, जिसमें बिहार बजट भी पेश किया जाएगा। विधान परिषद के सदस्य नीतीश कुमार को छोड़कर जदयू के पास 45 विधायक हैं। एनडीए में जेडीयू की सहयोगी बीजेपी के पास 78 विधायक हैं। इसके अलावा एनडीए गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायक हैं। इसके अतिरिक्त, निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी हैं, जो एक मंत्री भी हैं और फ्लोर टेस्ट से पहले जेडीयू विधायक दल की बैठक में शामिल हुए थे।