तेजस्‍वी जी… जब पुल के स्ट्रक्चर में थी खामियां तो किसने दिए निर्माण के आदेश?

पटना: भागलपुर में निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर रविवार को नदी (Bihar Ganga River Bridge Fall) में गिर गया। जिसके बाद बिहार के डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव ने आनन-फानन में इस पुल के स्‍ट्रक्‍चर पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि पुल के ढांचे में खामियां थीं इसलिए गिराया जा रहा था। बिहार सरकार (Nitish Kumar Govt) की ओर से आनन-फानन में आए इस तर्क पर कई सवाल उठने लगे। कहा ये जा रहा कि जब इस पुल का स्‍ट्रक्‍चर और डिजाइन ठीक नहीं था तो इसके निर्माण पर बिहार की जनता के करोड़ों रुपए क्‍यों बर्बाद किए जा रहे थे? ये पूरा मामला जनता के पैसों की दोबारा नए सिरे से लूट की तरफ इशारा नहीं करता है?लंबे से है गंगा नदी पर इस पुल की आसबिहार में जिस पुल का इंतजार लोग कई साल से कर रहे थे वो महज 10 सेकंड में ही नदी में समा गया। जनता के दशकों का इंतजार और 1710 करोड़ का लागत से बन रहा पुल जैसे ही नदी समाया तो चर्चा तेज हो गई। पूरा मामला रविवार को सामने आया जब सुल्‍तानगंज अगुवानी पुल का सुपर स्‍ट्रक्‍चर और तीन पिलर गंगा नदी में ढह गए। अब इस पुल के स्‍ट्रक्‍चर पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मगर मुद्दा ये भी है कि कि जिस पुल का उद्घाटन मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था, जो उनका ड्रीम प्रोजक्ट था। उसका एक हिस्सा 14 महीने पहले भी गिरा बावजूद इसके सरकार क्यों नहीं जागी। आखिर किसके कहने पर इसे बनाने की अनुमति और पैसा पास किया गया? स्ट्रक्चर में खामी तो कैसे होता रहा पुल निर्माण?बड़ा सवाल ये भी उभर कर आता है कि आखिर पुल के स्‍ट्रक्‍चर में खामी थी तो 5 सालों से इस पुल का निर्माण कैसे होता रहा? इस कंस्‍ट्रक्‍शन को मंजूरी किसके कहने पर मिली? जनता के करोड़ों रुपये की बर्बादी का जिम्‍मेदार कौन है? बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने रविवार देर रात अचानक जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद होने की घोषणा कर दी। उन्होंने ये भी कह दिया कि इस पुल को गिराकर नया पुल बनाया जाएगा। आखिर इस प्रोजेक्ट अब तक हुए खर्च का जिम्मेदार कौन होगा। आजादी के समय से ही इस पुल के निर्माण की थी मांगइस पुल के निर्माण का भागलपुर और खगड़‍िया दोनों जिलों की जनता को लंबे समय से इंतजार था। स्‍थानीय लोगों के अनुसार आजादी के बाद से ही इस पुल के निर्माण की जरुरत समझी जा रह थी। हालांकि, बिहार में राजनीतिक स्थिति के कारण काफी समय सभी निर्माण कार्य ठप पड़े हुए थे। जिसके कारण यहां पुल नहीं बन सका। तब बिहार का पुल निर्माण विभाग पूरी तरह से खत्‍म हो चुका था। 2020 में बन जाना था ये पुल, इंतजार हुआ और लंबानीतीश कुमार के सत्‍ता में आने के बाद इस अगुवानी पुल के निर्माण को रफ्तार मिली। विभाग भी एक्टिव हुआ और काम तेजी से आगे बढ़ा। हालांकि, जिस तरह से इस का हिस्सा दोबारा गिरा वो कई सवाल खड़े करता है। घटना वाली जगह पर ग्रामीणों ने इसे करप्शन का मुद्दा करार दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्‍ट अधिकारियों ने आजादी के बाद से चले आ रहे पुल के इंतजार को और लंबा कर दिया है। अब इस पुल को सिरे से तोड़ कर दोबारा बनाने का फैसला लिया जा रहा है। नीतीश कुमार ने दिए कार्रवाई के आदेशमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा कि यह पुल एक साल पहले भी गिरा था। हमने 2012 में ही इसे बनाने का आदेश दिया था। 2014 में इसका निर्माण शुरू हुआ, अब तक इसे बन जाना चाहिए। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पिछले साल जब पुल का हिस्सा गिरा तब भी विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया गया था। मैंने अधिकारियों को वहां जाकर देखने को कहा था। साथ ही तुरंत एक्‍शन लेने का भी निर्देश दिया था।दोषियों को बख्‍शा नहीं जाएगा- नीतीशबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल के निर्माण में हो रही देरी और बार-बार गिरने लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा की पुल के बार-बार गिरने का क्या मतलब है? मैंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस मामले की जांचकर तुरंत एक्शन लिया जाए। अब तक इस पुल का निर्माण पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन यह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ। इसके बार-बार गिरने का मतलब यह है कि इसे मजबूती से नहीं बनाया जा रहा। तभी तो यह यह पुल गिर रहा है। पुल निर्माण में हो रही धांधली को लेकर कार्रवाई पर पूछे गए सवाल पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने इस बारे में कल ही आदेश दे दिया है कि जो भी दोषी हैं उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ‘ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी पुल को बनाने में इतना लंबा समय लगे।’ इसका मतलब है कि इसमें जरूर धांधली हो रही है।