रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना को अगले साल फरवरी से हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए की आपूर्ति मिलने की उम्मीद है और स्वदेश निर्मित जेट का नया संस्करण अत्याधुनिक मिसाइलों सहित अनेक तरह के अस्त्र दागने में सक्षम होगा।
भारतीय वायुसेना में सेवा में तेजस के सात साल पूरे होने के बीच मंत्रालय ने कहा कि विमान और इसके भविष्य के संस्करण वायुसेना का मुख्य आधार बनेंगे।
फरवरी 2021 में, मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के वास्ते 83 तेजस एमके-1ए जेट की खरीद के लिए सरकार संचालित प्रमुख वैमानिकी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
तेजस एकल इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जो उच्च खतरे वाले हवाई वातावरण में काम करने में सक्षम है।इस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) को खरीदने में गहरी दिलचस्पी दिखाने वाले देशों में मिस्र, अर्जेंटीना, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपीन शामिल हैं।
शनिवार को एलसीए वायुसेना में अपनी सेवा के सात साल पूरे कर लेगा।
मंत्रालय ने कहा, तेजस पर भारतीय वायुसेना का भरोसा 83 एलसीए एमके-1ए के ऑर्डर से दिखता है।
इसने कहा कि एलसीए एमके-1ए में अद्यतन वैमानिकी के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित सक्रिय रडार, अद्यतन इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट और दृश्य सीमा से परे मिसाइल क्षमता होगी।
मंत्रालय ने कहा, नया संस्करण अनेक प्रकार के अस्त्र दागने में सक्षम होगा। इनमें से कई हथियार स्वदेशी मूल के होंगे। एलसीए एमके-1ए में विमान की समग्र स्वदेशी सामग्री में पर्याप्त वृद्धि देखी जाएगी।
इसने कहा कि विमान की आपूर्ति फरवरी 2024 में शुरू होने की उम्मीद है।
तेजस को वायु रक्षा, समुद्री टोह और लड़ाकू भूमिका निभाने के लिए डिजाइन किया गया है।
तेजस को शामिल करने वाला वायुसेना का पहला स्क्वाड्रन-नंबर 45 स्क्वाड्रन- फ्लाइंग डैगर्स था।मई 2020 में, नंबर 18 स्क्वाड्रन तेजस को संचालित करने वाला वायुसेना का दूसरा स्क्वाड्रन बन गया।