बजट से पहले टैक्सपेयर्स ने दी खुशखबरी, वित्त मंत्री मैडम! अब आपकी बारी

नई दिल्ली: 2023 () से पहले आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर आई है। चालू वित्तीय वर्ष में 10 जनवरी तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ( Collection) 24.58 प्रतिशत बढ़ी है। सरकार की ओर से आंकड़े जारी किए गए हैं। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 14.71 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। डायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी के बाद लोगों की उम्मीदें बजट (Budget) से और बढ़ गई है। लोगों को उम्मीद है कि सरकार बजट में () में राहत की घोषणा करेगी। वित्त मंत्री नौकरीपेशा लोगों की उम्मीदों को सुनेंगी। बजट को लेकर उम्मीदे पाले हुए लोगों का कहना है कि सरकार टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देगी, क्योंकि सरकार के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बड़ी बढ़ोतरी हुई है।

बजट से राहत की उम्मीद

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में आई इस तेजी के बाद लोगों की उम्मीदें और बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती है। एक बार फिर से डायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी हुई है, इसलिए लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गई है। नौकरीपेशा, सैलेरिड क्लास एक बार फिर से उम्मीद में है कि वित्त मंत्री उन्हें इनकम टैक्स में राहत देगी। सरकार इस बार 9 सालों के इंतजार को खत्म कर देगी। उन्हें इस बार इनकम टैक्स में राहत मिलेगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन, 80सी के तहत छूट की सीमा में बढ़ोतरी करेगी। आपको बता दें कि साल 2014 से इनकम टैक्स में राहत का इंतजार अब तक जारी है। बजट के ऐलान से पहले उम्मीद जगती हैं और बजट के बाद बुझ जाती है। लोगों की निगाहें वित्त मंत्री के पिटारे पर टिकी है।

वित्त मंत्री अब आपकी बारी

बजट से लोगों की उम्मीदें भी लाजिमी है। बढ़ती महंगाई, ब्याज के बढ़ते बोझ, ईएमआई के खर्च इन सबसे से जूझ रही सैलरिडी क्लास वित्त मंत्री से आस लगाए बैठी है। हालांकि ये इतना भी आसान नहीं है। सरकार पर खर्चों का बोझ भी बढ़ रहा है। सब्सिडी बिल में बढ़ोतरी हो रही है। बजट में आपको आयकर में राहत तो मिल सकती है, लेकिन ये राहत बंपर नहीं होगी। बजट में इनकम टैक्स में राहत देकर वित्त मंत्री महंगाई से लड़ने में मिडिल क्लास की मदद करेंगी। केंद्र सरकार टैक्सपेयर्स को राहत तो दे सकती है, लेकिन ये बंपर नहीं हो सकेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार के हाथ कई मोर्चे पर बंधे हैं। फिस्कल डेफिसिट बढ़ रहा है। वहीं आमदनी से अधिक खर्च हो रहा है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण सरकार को केंद्रीय करों में कटौती करनी पड़ी। जनता को राहत तो मिली, लेकिन सरकारी खजाने में एक साल के भीतर ही 1 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया।

क्या होता है डायरेक्ट टैक्स

आपको बता दें कि डायरेक्ट टैक्स सरकार आपसे आपसी उनकम के ऊपर लेती है। यानी आप जो कमाते हैं, उसपर आपको टैक्स देना पड़ता है। इनकम टैक्स इसी का हिस्सा है। इनकम टैक्स के अलावा इसमें गिफ्ट टैक्स, वेल्थ यानी संपत्ति टैक्स, कैपिटल गेन, कॉरपोरेट टैक्स जैसे कर शामिल है। डायरेक्ट टैक्स के मामले में अगर आप कमाई करेंगे तो टैक्स देंगे, कमाई नहीं करेंगे तो टैक्स नहीं देना होगा।