नई दिल्ली: एक लड़के के सुसाइड केस में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट लगाई है। वह लखनऊ से दिल्ली यूपीएससी की तैयार करने के लिए आया था। इस लड़के ने सिर्फ इसलिए सुसाइड कर लिया था क्योंकि उसे लगा कि टैटू कराने के बाद वह आईपीएस अफसर नहीं बन पाएगा। यह टैटू उसने हाथ में बनवाया था। लखनऊ निवासी अभिषेक गौतम यूपीएससी एग्जाम की प्रिपरेशन के लिए 2020 में दिल्ली आया था। उसे पूरा भरोसा था कि वह इस एग्जाम को क्रैक कर लेगा। मन में सिर्फ आईपीएस अफसर बनने की चाहत थी। राजिंदर नगर में किराये के जिस कमरे में अभिषेक रहता था वहां दीवारों पर जाने-माने आईपीएस अधिकारियों की तस्वीरें लगी थीं। हालांकि, अपने हाथ पर आईपीएस टैटू कराने के बाद अभिषेक के लिए चीजें बदल गईं। टैटू कराने के एक दिन बाद ही अभिषेक के दोस्त ललित मिश्रा ने उसे एक जानकारी दी। ललित ने बताया कि जो लोग टैटू करा लेते हैं वे यूपीएससी एग्जाम क्लीयर करने के बाद भी आईपीएस ऑफिसर के तौर पर सेलेक्ट नहीं होते हैं। पुलिस के मुताबिक, अभिषेक ने आईपीएस सेलेक्शन प्रोसीजर के बारे में गूगल पर नियमों को सर्च किया। उसने यह भी सर्च किया कि कैसे टैटू को हटवाया जा सकता है। इसे हटवाने की तकनीक क्या है। इस पर कितना खर्च आएगा। फिर उसने 25 फरवरी 2021 को कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।इसके उलट एक्सपर्ट्स कहते हैं कि UPSC में टैटू को लेकर नियम जरूर हैं। लेकिन, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि टैटू वाले एस्पिरेंट्स को सेलेक्ट नहीं किया जाता है। यह बड़ा मिथ है। इस बाबत साफ नियम हैं। मसलन, यह बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। इसे ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे दूसरे की भावनाएं आहत होती हैं। मौत से पहले अभिषेक ने कोई सुसाइड नोट भी नहीं छोड़ा था। अभिषेक के परिवार वालों की शिकायत के आधार पर मामले में मर्डर का केस फाइल हुआ था। उनका आरोप था कि इसमें मकान मालिक के साथ उसके साथ रहने वालों की साजिश थी। शिकायत के आधार पर इन सभी को आरोपी बनाया गया था।हालांकि, पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद कुछ भी ऐसा नहीं पाया जिसमें साजिश की बात सामने आती हो। आरोपियों का पॉलिग्राफ टेस्ट भी कराया गया था। लेकिन, कुछ भी नहीं मिला। लिहाजा, पुलिस ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगाई।