Dehradun में मिले 15वीं सदी के मंदिर के अवशेष, Tarun Vijay ने संरक्षित करने का किया आग्रह

26 नवम्बर । देहरादून में करीब दो से तीन हज़ार साल पुरानी धरोहर उपेक्षा और लापरवाही का शिकार होती आ रही है। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, लेकिन देवताओं के प्राचीन अवशेष जो यहां मिले हैं उन पर ध्यान देना अभी बाकी है। इसी क्रम में जगत ग्राम अश्वमेध स्थल आता है जहां जाने का मार्ग तक नहीं है। वहां से 40 किलोमीटर दूर देहरादून नगर की ओर अत्यन्त घने वन में अब भद्रकाली माता मंदिर के प्राचीन पुरातात्विक अवशेष बिखरे मिले हैं। यहां प्राचीनकाल से नियमित पूजा अर्चना होती आ रही है। इसे भी पढ़ें: Uttarkashi Tunnel : 41 मजदूर जल्द आ सकते हैं बाहर, वर्टिकल ड्रिलिंग का काम हुआ शुरू, 100 घंटे का लग सकता है समयपूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण भारत सरकार के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तरुण विजय के नेतृत्व में पुरातत्व विशेषज्ञों की टीम चकराता रोड स्थित झाझरा पहुंची और प्राचीन नागर शैली के मंदिर के अवशेषों में उत्कीर्ण स्तम्भ, आमलक, महिषासुर मर्दिनी का कृष्ण वर्णी ग्रेनाइट में अंकित मूर्ति, प्राचीन मृद्भांड खण्ड एवं अनेक शिलाखंड मिले, जो संभवत: मंदिर में प्रयुक्त हुए होंगे। पुराविशेषज्ञों का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या ये अवशेष 15वीं—16वीं शती के मंदिर का संकेत देते हैं। परन्तु कुछ भी निर्णायक कहना व्यापक परीक्षण तथा उत्खनन के बाद ही संभव होगा। इसे भी पढ़ें: Telangana Assembly Election: Modi की झलक पाने खंबों पर चढ़े लोग, पीएम को करनी पड़ी अपील श्री तरुण विजय ने इस ओर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संस्कृति मंत्री श्री किशन रेड्डी और देवभूमि के यशस्वी संस्कृति रक्षक मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान आकृष्ट करते हुए तुरन्त मंदिर क्षेत्र में उत्खनन कार्य प्रारम्भ किया जाए, ताकि अन्य अवशेष भी प्राप्त हो सकें। उन्होंने वर्तमान मंदिर की सुरक्षा हेतु तुरन्त व्यवस्था करने का आग्रह भी किया।