भारत से संपर्क साधने को बेचैन तालिबान, कहा- दिल्ली में जल्द खोलेंगे बंद पड़ा अफगान दूतावास

काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जा जमाकर बैठा तालिबान भारत के साथ दोस्ती को बेचैन है। तालिबान ने ऐलान किया है कि वह भारत में बंद पड़े अफगान दूतावास को जल्द ही शुरू करने वाला है। अफगान समाचार आउटलेट आरटीए को दिए इंटरव्यू में तालिबान के विदेश मामलों के उप मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने कहा कि भारत में अफगानिस्तान का दूतावास जल्द ही परिचालन शुरू करेगा। स्टानिकजई ने यह भी कहा कि उनके मंत्रालय के संपर्क में है। मुंबई और हैदराबाद में अफगान वाणिज्य दूतावास सक्रिय हैं और उप मंत्री के संपर्क में हैं।24 नवंबर को बंद हुआ था अफगान दूतावासभारत में मौजूद अफगान दूतावास ने 24 नवंबर को एक बयान जारी कर अपने राजनयिक मिशन को बंद करने का आधिकारिक ऐलान किया था। अफगान दूतावास ने लिखा था, “भारत सरकार से लगातार चुनौतियों के कारण यह निर्णय 23 नवंबर, 2023 से प्रभावी है। यह निर्णय दूतावास द्वारा 30 सितंबर को संचालन बंद करने के पहल के बाद लिया गया है।” यह कदम इस उम्मीद में उठाया गया है कि मिशन को सामान्य रूप से संचालित करने के लिए भारत सरकार का रुख अनुकूल रूप से बदलेगा।” दूतावास के बयान के अनुसार, पिछले सत्ताईस महीनों में, भारत में अफगान समुदाय में उल्लेखनीय कमी आई है। अफगान शरणार्थी, छात्र और व्यापारी देश छोड़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप अगस्त 2021 के बाद से संख्या में लगभग 50% की कमी आई है। बयान में आगे बताया गया है कि इस अवधि के दौरान नए वीजा बहुत कम जारी किए गए हैं।भारत से दोस्ती को बेचैन क्यों है तालिबानतालिबान अपनी स्थापना के बाद वर्तमान में सबसे गंभीर चुनौती से जूझ रहा है। तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा किए दो साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन, अभी तक किसी भी देश ने तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता नहीं दी है। यहां तक कि तालिबान के खास माने जा रहे पाकिस्तान, चीन और रूस ने भी इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वर्तमान में तालिबान और पाकिस्तान में दुश्मनी चरम पर है। ऐसे में तालिबान को अफगानिस्तान में पावर बैलेंस के लिए भारत की बहुत ज्यादा जरूरत है। तालिबान को अफगानिस्तान की बेहतरी के लिए निवेश की भी बहुत जरूरत है, जो उसे पाकिस्तान से नहीं मिलने वाला है। ऐसे में उसे भारत में एस दोस्त नजर आने लगा है।