सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सिसोदिया की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है। साथ ही कहा है कि याचिकाकर्ता को इस मामले में हाईकोर्ट में अपील करनी चाहिए।मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि सिसोदिया के पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प है और उन्हें यह केस वहीं ले जाना चाहिए। कोर्ट ने सुझाव दिया कि इस मामले में सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि, “आप अनुच्छेद 32 के तहत एफआईआर और रिमांड को चुनौती देते हुए जमानत मांग रहे हैं। आपके पास सीआरपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट जाने का विकल्प है।SC refuses to entertain Delhi Dy CM Manish Sisodia’s plea against his arrest by CBI, suggests him to move High Court. pic.twitter.com/P5jh8UmsNJ— ANI (@ANI) February 28, 2023
सिसोदिया कि तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील में अर्नब गोस्वामी और विनोद दुआ के मामलों का हवाला देते हुए कहा था कि असाधारण परिस्थितियों में अनुच्छेद 32 के तहत राहत दी जानी चाहिए। इस पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अर्नब गोस्वामी का केस सुप्रीम कोर्ट के पास हाईकोर्ट के बाद आया था और विनोद दुआ का केस एक ऐसी एफआईआर से संबंधित था जिसमें पत्रकार ने एक आलोचनात्मक खबर की थी। लेकिन मौजूदा केस (सिसोदिया का केस) भ्रष्टाचार का है।सिंघवी ने जगीशा अरोड़ा केस भी हवाला दिया था जिसमें पत्रकार प्रशांत कनोजिया को उनके खिलाफ जारी रिमांड आदेश पर कोर्ट ने जमानत दी थी। सिंघवी ने दलील दी कि मौजूदा केस (सिसोदिया का केस) जिसमें रिमांड की जरूरत नहीं है, आरोप भी ऐसा है जिसमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, वे कहीं भागे नहीं जा रहे हैं और उन्होंने सभी सम्मन का पालन भी किया है। सिंघवी ने कहा कि जब सिसोदिया हर मौके पर पेश हुए हैं तो फिर उन्हें गिरफ्तार कैसे किया जा सकता है। सिंघवी ने यह भी कहा कि रिमांड सिर्फ आधार पर मांगा गया था कि सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सहयोग का अर्थ यह होता है कि किसी को अपे बचाव का अधिकार नहीं रहता।इस दलील पर जब मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह सारे तर्क दिल्ली हाईकोर्ट के सामने दिए जा सकते हैं। इस पर सिंघवी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में जजों का जो रोस्टर है उसके मुताबिक ज्यादातर दिनों में जज बैठते ही नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को भी अनदेखा कर दिया।बता दें कि सिसोसिदिया को कल ही दिल्ली की एक अदालच ने 4 मार्च तक सीबीआई की रिमांड में भेजा है। सीबीआई ने सिसोदिया से पूछताछ के लिए 5 दिनों का रिमांड मांगा था जिसे स्पेशल सीबीआई जज एम के नागपाल ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अब विचार से कोर्ट ने इनकार कर दिया है। इस झटके के बाद आप अब सिसोदिया के मामले को हाईकोर्ट लेकर जाएगी। AAP to go to Delhi HC pertaining to Delhi Dy CM Manish Sisodia’s arrest by CBI: AAPEarlier, SC refused to entertain Delhi Dy CM Manish Sisodia’s plea against his arrest by CBI & suggested him to move High Court. https://t.co/IyRQtI7bnM— ANI (@ANI) February 28, 2023
सिसोदिया को करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई का कहना था कि दिल्ली की शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार की जांच के दौरान सिसोदिया ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया और उन्होंने अधिकतर सवालों को गोलमोल जवाब दिए। सीबीआई का दावा है कि सिसोदिया के सामने सबूत भी रखे गए लेकिन उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया।इससे पहले सिसोदिया से बीते साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी और 25 नवंबर को मामले में चार्जशीट दाखिल की गई थी। सीबीआई की एफआईआर में सिसोदिया और अन्य कई लोगों पर आरोप हैं कि इन्होंने दिल्ली की 2021-22 के लिए बनी शराब नीति में ऐसी सिफारिशें की और निर्णय लिए जिनकी बाबत संबंधित अधिकरण से इजाजत नहीं ली गई थी। आरोप है कि शराब नीति में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया।