Sundar Pichai Birthday: गूगल सीईओ बनने से पहले इस फील्ड में जाना चाहते थे सुंदर पिचाई, ऐसे तय किया सफर

गूगल के पहले भारतीय सीईओ सुंदर पिचाई आज यानी की 10 जून को अपना 51वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। बता दें कि साल 2015 में पिचाई दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के सीईओ बने थे। सुंदर पिचाई पहले ऐसे भारतीय थे, जिनको गूगल में इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि उनका ये सफर इतना आसान नहीं रहा। लेकिन विपरीत परिस्थितियों के सामने कभी भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर सुंदर पिचाई के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में…जन्म और शिक्षातमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 10 जून 1972 को जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम पिचाई सुंदरराजन है। इनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में ही हुआ था। बचपन में उन्हें आज जितनी सुख-सुविधाएं नहीं थी। उनके पिता इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे। वह इतने भी सक्षम नहीं थे कि वह अपने बेटे को बेहतर शिक्षा दिला सकें। साल 1993 में सुंदर पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया है। इसके बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई की और व्हार्टन स्कूल से एमबीए पूरा किया। व्हार्टन स्कूल में पढ़ने के दौरान उनको दो स्कॉलरशिप मिली थी। ऐसे बने गूगल के सीईओबता दें कि साल 2004 में वह गूगल के सीईओ बने थे। यहां पर सुंदर पिचाई ने गूगल टूलबार और क्रोम को विकसित करने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद गूगल क्रोम कुछ ही सालों में दुनिया का सबसे पॉपुलर इंटरनेट ब्राउजर बन गया। इस सफलता के बाद पिचाई को साल 2014 में गूगल के सभी प्रोडक्ट और प्लेटफॉर्म से जुड़ी कई बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं। इस दौरान उन्होंने लोकप्रिय प्रॉडक्ट्स जैसे गूगल टूलबार, क्रोम, डेस्कटॉप सर्च, गैजेट्स, गूगल पैक, गूगल गियर्स, फायरफॉक्स एक्सटेंशन आदि का चार्ज संभाला था। वहीं साल 2015 में सुंदर पिचाई को गूगल का सीईओ बना दिया गया।ऐसे पहुंचे विदेशसाल 2020 में सुंदर पिचाई ने अपने संघर्षों पर बात करते हुए बताया था कि उन्हें 10 साल की उम्र तक कोई फोन या टेलीफोन आदि नहीं मिला था। इसके अलावा अमेरिका आने से पहले उनको कभी नियमित तौर से कंप्यूचर आदि पर काम करने का मौका भी नहीं मिला था। उन्होंने बताया कि टीवी पर भी सिर्फ एक चैनल देखने का मौका मिलता था। अपने पुराने दिनों को याद करते हुए सुंदर पिचाई ने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उनको अपने पिता की एक साल की सैलरी खर्च करनी पड़ी थी। तब जाकर कहीं वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। अमेरिका जाने के दौरान उन्होंने पहली बार प्लेन का सफर किया था। सुंदर पिचाई ने बताया कि अमेरिका काफी महंगा शहर है। भारत में अपने घर में फोन करने के लिए उनको 1 मिनट का 2 अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च देना पड़ता था।क्रिकेट के हैं फैनबता दें कि सुंदर पिचाई को क्रिकेट का काफी शौक है। जब वह चेन्नई में अपनी स्कूली पढ़ाई कर रहे थे, तो उस दौरान वह स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे। उन्होंने कई रीजनल और कॉम्पटीशन अवॉर्ड भी अपने नाम किए थे। वह बचपन में क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे। सुंदर पिचाई को सुनील गावस्कर और सचिन तेंडुलकर को खेलते हुए देखना काफी ज्यादा पसंद था। हालांकि वह टी-20 फॉर्मेट को पसंद नहीं करते हैं।