दिल्ली में ऐसा शातिर गैंग, 1 करोड़ गंवाकर भी चुप्पी मार जाता है लुटने वाला

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान टनल में दिनदहाड़े गन पॉइंट पर हुई 50 लाख रुपये की लूट मामले में कई हैरान कर देने वाला खुलासे हुए हैं। शुरुआती तौर पर पुलिस को बताया गया था कि बदमाशों ने दो लाख रुपये लूटे हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक 19 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। इसके अलावा इस लूट को अंजाम देने के पीछे एक गैंग का हाथ है। इस गैंग ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में 1 करोड़ रुपये की लूट को अंजाम दिया था। सूत्रों के अनुसार लूट की रकम हवाला की थी, इसलिए पीड़ितों ने इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई। प्रगति मैदान मामले में भी पीड़ितों द्वारा बताए गई लूट की रकम से कई गुना ज्यादा बरामद हो गई है। बताया जा रहा है कि लूट दो लाख नहीं बल्कि 50 लाख रुपये की हुई है। इन खुलासों के बाद पुलिस ने मामले की तहकीकात के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है।पुलिस ने 19 लाख रुपये बरामद किएपुलिस ने रविवार को प्रगति मैदान टनल में लूटी गई रकम में से करीब 19 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। जबकि एफआईआर में खोई हुई नकदी का आधिकारिक आंकड़ा 2 लाख रुपये बताया गया था, बाद में यह सामने आया कि 50 लाख रुपये लूटे गए थे। लगातार दूसरी लूट की वारदात में गैंग के शामिल होने की खबर मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने तेजी से जांच शुरू कर दी। क्राइम ब्रांच आरोपियों से पूछताछ कर रही है। लूट में शामिल दो आरोपियों को उत्तरी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस को पूछताछ के दौरान ये अहम जानकारी हासिल हुई। हवाला एजेंटों को टारगेट करता था गैंगसूत्रों ने कहा कि यह गैंग हवाला एजेंटों को निशाना बनाने में माहिर था और उसने कूचा महाजनी, कूचा घासीराम, सदर बाजार और पहाड़गंज जैसे इलाकों में अपना नेटवर्क बनाया। बता दें कि बिजनेसमैन अक्सर नकद भुगतान करने के लिए इस अवैध हवाला का इस्तेमाल करते हैं। नकद लेनदेन में 2 लाख रुपये की आधिकारिक सीमा के बावजूद ये गैंग लोग हमेशा बड़ी मात्रा में कैश ट्रांसफर करने की फिराक में रहता था। दिल्ली और यूपी के हवाला एजेंटों को बनाते थे निशानाएक सूत्र ने कहा, ‘यूपी के सुहैल पहलवान और गिरफ्तार संदिग्ध अनिल चोटी इस वारदात के मास्टरमाइंड माने जा रहे हैं, ये खासतौर पर दिल्ली और यूपी के इलाकों में हवाला एजेंटों को निशाना बनाते हैं। चूंकि कैश एजेंट शायद ही कभी एफआईआर दर्ज करते हैं, इसलिए गिरोह को खुली छूट मिली हुई है। इस गैंग का ठिकाना गाजियाबाद के लोनी में रविंदर कल्लू नाम के अपराधी के घर पर था। गैंग में लगभग 20 लोग शामिल हैं, जिनमें से कई जासूस के रूप में काम करते हैं। कैसे देते थे लूट को अंजाम?एक अधिकारी ने बताया, ‘पुरानी दिल्ली में ज्यादातर हवाला ऑफिस सुबह 11 बजे के आसपास खुलते हैं और लेनदेन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे के बीच होता है। गैंग के जासूस कैश फर्म ऑफिस के आसपास खड़े रहकर नजर रखते हैं। ये लोग एजेंटों के बैग के साथ बाहर आने का इंतजार करते हैं। गैंग आमतौर पर हमला करने से पहले कुछ दिनों के लिए रेकी करते हैं। चूंकि इन इलाकों में पुलिस की कड़ी निगरानी है, लुटेरे अक्सर टारगेट का पीछा करते हैं और ऐसी जगह हमला करते हैं, जहां पुलिस की पहुंच से बचकर भाग सकें। मामले में लुटरे टारगेट का पीछा लाल किले से ही कर रहे थे।ऐसा कहा जा रहा है कि इन खुलासों के बाद ही स्पेशल सीपी (क्राइम) रवींद्र यादव ने स्पेशल टीम का गठन किया है। यादव ने कहा, ‘जांच शुरुआती चरण में है। अभी हमारा ध्यान लूट और पूरी साजिश में शामिल हर संदिग्ध को गिरफ्तार करने और लूटी गई पूरी रकम बरामद करने पर है।’