प्रयागराज: में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधुओं के अलावा और भी कई तरह के बाबा कुंभ मेले में धूनी रमाए हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं मसानी गोरख बाबा उर्फ आईआईटी बाबा। उन्होंने आईआइटी बॉम्बे से एयर स्पेस और एयरोनॉटिकल स्ट्रीम से इंजीनियरिंग में की है। हरियाणा के मूल निवासी आईआईटी बाबा का असली नाम अभय सिंह है। वह इंजीनियर से संन्यासी कैसे बने, इसकी कहानी भी रोचक है। न्यूज 18 चैनल से बातचीत में आईआईटी बाबा ने अपने बारे में कई चीजें बताईं। बाबा ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे से 4 साल पढ़ाई करने के बाद फिजिक्स में कोचिंग भी की। इसके बाद उन्होंने फोटोग्राफी सीखी। फिर डिजाइनिंग कोर्स में मास्टर्स की डिग्री ली। इंजीनियरिंग करने के बाद उनको सुकून नहीं मिला। इसलिए उन्होंने ट्रैवेल फोटोग्रॉफी शुरू कर की। उन्हें लगा कि वे देश और दुनिया घूमेंगे। खूब मौज करेंगे और पैसा कमाएंगे। लेकिन उन्हें इस काम में भी मजा नहीं आया। ‘चार महीने काशी में रहे, हरिद्वार भी’इसके बाद वह धर्म की दुनिया में आ गए। उनका कहना है कि जिंदगी का असली मतलब उन्हें अब जाकर समझ में आया है। वह फिलहाल महाकुंभ आए हुए हैं और त्रिवेणी संगम पर हैं। इससे पहले वह चार महीने काशी में रहे। हरिद्वार और ऋषिकेश में भी रहे। बाबा ने बताया कि उन्होंने एक साल तक बच्चों को कोचिंग में फिजिक्स भी पढ़ाया है।