अलीगढ़/नई दिल्ली: आज पूरे देश में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाड़ी रिंकू सिंह का नाम काफी चर्चा में है। कुछ दिन पहले तक लोग इस नाम को ठीक से जानते भी नहीं थे, लेकिन आज हर एक क्रिकेट प्रेमी के जुंबा पर बस रिंकू का नाम है। उनके नाम के साथ ‘सिक्सर किंग’ का खिताब जो जुड़ गया है। रिंकू सिंह ने जिस तरीके से कोलकाता को आखिरी ओवर में 5 छक्के मार कर मैच जिता दिया, वो पूरे देश के सामने हीरो बन गए। कल तक यूपी के अलीगढ़ का जो लड़का भीड़ में खोया-खोया रहता था आज उसे हर कोई पहचान रहा है। भारत ही नहीं विदेशों में भी क्रिकेट प्रेमी रिंकू की तारीफ करते नहीं थक रहे। कोलकाता नाइटराइटर्स के स्टार रिंकू सिंह के साथ आज से पांच साल पहले मैंने भी एक क्रिकेट मैच खेला था और तभी से उनकी शानदार बल्लेबाजी और शालीनता का फैन हो गया। शायद उन्हें मैं याद भी न हूं, लेकिन आज उनके साथ खेले गए उस मैच का अनुभव और उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें शेयर कर रहा हूं।’हमें नहीं लगा कि इतने बड़े प्लेयर के साथ खेल रहे हैं’ये बात है साल 2018 की। अलीगढ़ के वीरांगना अबंतीबाई स्टेडियम में हमारे कॉलेज की टीम और रिंकू सिंह की टीम का मुकाबला था। इस वक्त तक रिंकू को शायद पूरा शहर न जानता हो लेकिन क्रिकेटर्स के बीच उनकी पहचान बन चुकी थी। उन्हें आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स ने खरीद लिया था। इसके अलावा वो अंडर 16 भी खेल चुके थे। लेकिन इसके बाद भी जब वो फील्ड पर आए तो लग ही नहीं रहा था कि हम इतने बड़े खिलाड़ी के साथ खेल रहे हैं। हमारी टीम ने पहले बल्लेबाजी की। ‘मेरे सिर के ऊपर से जड़ दिए थे तीन छक्के’मुझे कोई खास क्रिकेट खेलना नहीं आता, लेकिन कॉलेज टीम में मेरा भी नाम था। हालांकि मुझे बेटिंग नहीं मिली। लेकिन मैंने टीम के लिए फील्डिंग जरूर की। मुझे अच्छे से याद है रिंकू ने मेरे सिर के ऊपर से तीन छक्के जड़े थे, जिसके बाद मुझे उस जगह से हटा कर स्लिप में लगा दिया गया। इसके बाद भी रिंकू की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी नहीं रुकी। इतने दिनों बाद मुझे ये तो नहीं याद कि रिंकू ने कितने रन बनाए, लेकिन वो नाबाद रहे और अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई। वो मैन ऑफ द मैच बने। बेहतरीन खिलाड़ी के साथ शानदार इंसानहमारी टीम हार जरूर गई, लेकिन इस मैच से मैंने बहुत कुछ सीखा। रिंकू सिंह एक बेहतरीन खिलाड़ी के साथ एक शानदार इंसान भी हैं। मैंने रिंकू सिंह का नाम पहले से सुना था। इसलिए मैच के बाद उनसे मिलने पहुंच गया। रिंकू ने मुझसे हाथ मिलाया और करीब 5 मिनट तक हमारी बात भी हुई। मैंने उनको जीत की बधाई दी। उनकी बल्लेबाजी की तारीफ की उन्होंने भी मुस्कुराकर सहजता से उसे स्वीकार किया। इस मैच के बाद मैं कभी रिंकू से नहीं मिला। लेकिन मेरे अलीगढ़ शहर को आज रिंकू के नाम से जाना जा रहा है। आज भी अलीगढ़ की लोकल टीम के लिए खेलते हैं मैचमैं पत्रकारिता की पढ़ाई करने दिल्ली आ गया, लेकिन आज भी मेरे कई दोस्त उनके संपर्क में हैं और लगातार उनके साथ खेल रहे हैं। अलीगढ़ में कुछ लोकल टीमें हैं, इन्हीं में से एक टीम है ‘जादौन राइडर्स’। इस टीम की कमान रिंकू सिंह के हाथ में है। आपको जानकर हैरानी होगी आईपीएल का हीरो आज भी अलीगढ़ की लोकल टीम के लिए खेलता है और यहां के लोकल खिलाड़ियों के साथ स्टेडियम में प्रैक्टिस करता है। एक महीने पहले ही अलीगढ़ में खेला था मैचरिंकू सिंह के साथ अक्सर क्रिकेट मैच खेलने वाले अलीगढ़ के विभांशु बताते हैं कि आईपीएल खेलने जाने से पहले भी रिंकू सिंह ने अपनी टीम जादौन राइडर्स को एक टूर्नामेंट जिताया था। ये मैच करीब एक महीने पहले अलीगढ़ के महुआ खेड़ा में हुआ था। रिंकू की टीम ने फाइनल में एमके एलीगेरियन को हराया था। विभांशु आगे बताते हैं कि वो रिंकू के साथ कई मैच खेल चुके हैं। आम तौर पर जब कोई खिलाड़ी आगे बढ़ जाता है, तो उसमें घमंड और इगो जैसी चीजें आ जाती हैं, लेकिन रिकूं में ऐसा कुछ नहीं है। वो आज भी अपने पुराने दोस्तों के साथ जमकर मस्ती करते हैं। उनकी खास बात है कि वो सबको ‘भैया’ कहकर बुलाते हैं और सम्मान देते हैं। दोस्तों के साथ गोलगप्पे खाने के हैं शौकीनविभांशु ने बताया कि रिंकू को ठेले पर दोस्तों के साथ गोलगप्पे खाना पसंद हैं। वो मैच के बाद अक्सर गोलगप्पे खाया करते हैं। अलीगढ़ में वो किसी गाड़ी में नहीं चलते, वो बाइक और स्कूटी पर ही घूमते हैं। रिंकू के आईपीएल से वापस लौटने का इंतजार पूरा अलीगढ़ कर रहा है। उनके साथियों ने अलीगढ़ में उनके स्वागत की जबरदस्त तैयारी कर रखी है।