स्पेन नई फुटबॉल वर्ल्ड चैंपियन, फाइनल में फेवरेट इंग्लिश महिलाओं को हराकर रचा इतिहास

सिडनी: फीफा वीमेंस फुटबॉल वर्ल्ड कप को नया चैंपियन मिल चुका है। स्पेन ने फाइनल में इंग्लैंड को 1-0 से हराते हुए पहली बार महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीता। भारतीय समयानुसार रविवार की दोपहर साढ़े तीन बजे से शुरू हुए फाइनल का एकमात्र गोल 29वें मिनट में कप्तान ओल्गा कोरमोना ने किया, जिन्होंने सेमीफाइनल में भी गोल मारा था। दोनों ही टीमें पहली बार महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचीं थीं। खिताबी मैच से पहले यूरोपियन चैंपियन इंग्लिश टीम को भले ही फेवरेट बताया जा रहा हो, लेकिन फाइनल में उनकी एक न चली। 2019 के वर्ल्ड कप में सर्वाधिक 13 गोल करने के अपने रिकॉर्ड की बराबरी कर चुकी इंग्लैंड को दूसरी पोजिशन से ही संतोष करना पड़ा।मेंस-वीमेंस वर्ल्ड कप जीतने वाली स्पेन सिर्फ दूसरी टीम आज फीफा महिला फुटबॉल वर्ल्ड के फाइनल में इतिहास बनना तय था। दोनों टीम के पास पहली बार यह खिताब जीतकर इतिहास रचने का मौका था। इतना ही नहीं, जर्मनी एक मात्र टीम थी, जिसने पुरुष और महिला, दोनों वर्गों में फीफा वर्ल्ड कप जीता है। अब स्पेन के नाम भी यह रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। स्पेन ने सेमीफाइनल में स्वीडन को 2-1 से तो इंग्लैंड ने मेजबान ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी। ऐसा रहा स्पेन का स्वपनिल सफरअपने स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में खेल रही स्पेन ने सेमीफाइनल में स्वीडन पर बेहद नाटकीय अंदाज में 2-1 से जीत हासिल की थी। मुकाबले के तीनों गोल मैच के आखिरी 10 मिनट में आए थे। इस दौरान स्पेन ने बेहद जुझारू प्रदर्शन से प्रभावित किया था। इंग्लैंड और स्पेन की भिड़ंत आखिरी बार पिछले साल यूरोपियन चैंपियनशिप में हुई थी। तब क्वॉर्टर फाइनल में इंग्लैंड ने 2-1 से जीत हासिल की थी। टीम ने जीत के इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए फाइनल में जर्मनी को हराया और पहली बार यूरोपियन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। बावजूद इसके इंग्लैंड इसका मनोवैज्ञानिक फायदा नहीं ले पाई।तीसरे पर रहा स्वीडनस्वीडन ने तीसरे स्थान के प्लेऑफ मैच में अपना शानदार रिकॉर्ड बरकरार रखते हुए मेजबान ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्वीडन की तरफ से फ्रिडोलिना रोल्फो और कोसोवरे असलानी ने गोल किए। यह चौथा अवसर है जब स्वीडन ने सेमीफाइनल में हारने के बाद तीसरे स्थान के प्लेऑफ मुकाबले में जीत दर्ज की। ऑस्ट्रेलिया के लिए टूर्नामेंट का निराशाजनक अंत रहा। उसने सह मेजबान का फायदा उठाकर पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।