प्रयागराज: अतीक अहमद (Atique Ahmed) के बेटे असद (Asad) का एनकाउंटर हो चुका है। माफिया और उसका परिवार अपने किए का नतीजा भुगत रहा है। खुद अतीक और उसके बाकी के बेटे जेल में हैं। भाई अशरफ भी कैद है। पत्नी शाइस्ता अभी तक फरार हैं। उमेश पाल (Umesh Pal) की हत्या के बाद से असद फरार चल रहा था। वह 24 फरवरी के बाद से ही फरार था। अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक ने अपने बेटे को छिपाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम (Abu Salem) की मदद ली थी। टीवी चैनल्स की रिपोर्ट के मुताबिक अतीक अहमद ने साबरमती जेल में बैठे-बैठे ही असद को लेकर तैयारी की थी। जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की हत्या करने के बाद असद और गुलाम प्रयागराज से कानपुर और फिर मेरठ में होते हुए नोएडा पहुंचे। कुछ दिन नोएडा में रहने के बाद दोनों अपराधी राजधानी दिल्ली में चले गए। वहां पर एक बड़े नेता में उनके ठहरने का इंतजाम कराया। इसके बाद बरेली जेल से अशरफ की तरफ से निर्देश के बाद असद महाराष्ट्र के नासिक और फिर पुणे की तरह पहुंच गए। वहां पर अतीक ने अबू सलेम से पहले ही बात कर रखी थी, जिसके गुर्गों ने इनके रुकने का बंदोबस्त किया हुआ था। पुलिस और एजेंसियों को भनक लगने पर दोनों वापस दिल्ली आ गए। फिर वहां से दोनों उत्तर प्रदेश आए और झांसी की तरफ चले गए।एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार असद और गुलाम ने अति को गुजरात से प्रयागराज की तरफ लाए जाने के दौरान झांसी के पास पुलिस सुरक्षा से चुराकर फरार कराने की तैयारी की हुई थी। गुरुवार को पुलिस और एसटीएफ टीम ने एनकाउंटर कर दिया। आज झांसी से प्रयागराज लाकर असद का शव सुपु्र्दे खाक किया जाएगा। गौरतलब है कि 1993 मुंबई धमाकों के आरोप में डॉन अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया। यहां वह 25 साल जेल की सजा काट रहा है। आजमगढ़ के रहने वाले अबू सलेम के संपर्क पूर्वांचल के माफियाओं से भी रहे हैं।