अब खबर आ रही है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को मंगलवार से सेल्फी के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। इसके साथ ही आकस्मिक अवकाश पर भी सोमवार को बड़ा फैसला होना है। हालांकि इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन कहा जा रहा है कि सोमवार को इस बाबत संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी आदेश जारी कर देंगे।
सेल्फी सिस्टम के जरिए अटेंडेंस बनाने के विरोध में शिक्षक
अगर भागलपुर, बांका और मुंगेर जिले के विभिन्न प्रखंडों और नगर निकाय के स्कूलों की बात करें तो वहां के शिक्षक सेल्फी सिस्टम के जरिए अटेंडेंस बनाने के इस फैसले को तुगलकी फरमान बता रहे थे। इसके साथ ही शिक्षक दलील दे रहे थे कि महिला शिक्षकों को सेल्फी सिस्टम के माध्यम से अटेंडेंस बनाने में हिचकिचाहट होती है। यह निजता के अधिकार पर प्रहार है, जिसे वे लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। सेल्फी सिस्टम के इस फैसले को वापस लेने की जानकारी सोशल मीडिया पर भी धड़ल्ले से वायरल हो रही है। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो सोमवार को दफ्तर खुलने के बाद ही पता चल पाएगा।
शिक्षकों को नाराज नहीं करना चाहती सरकार
शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो सेल्फी सिस्टम के फैसले का विरोध बड़ी संख्या में शिक्षकों की ओर से किया जा रहा है। वहीं चुनावी मौसम में सरकार खासकर शिक्षकों की नाराजगी का कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। ऐसे में शिक्षकों को खुश करने के लिए संभव है कि इस फैसले को वापस ले लिया जाएगा। वहीं शिक्षकों को मिलने वाले आकस्मिक अवकाश पर भी विरोध स्पष्ट दिखने लगा है। कहा जा रहा है कि इस पर सोमवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। (आदेश की कॉपी नीचे)
आदेश पत्र में था सामान्य स्थिति में अवकाश का जिक्र
हालांकि अवकाश के संदर्भ में भागलपुर के जिला शिक्षा संजय कुमार के नाम से जारी आदेश पत्र में सामान्य स्थिति में अवकाश के लिए तीन दिन पहले आवेदन देने की बात कही गई थी। लेकिन शिक्षकों ने इसे आकस्मिक अवकाश बताकर इसका सोशल मीडिया पर मजाक बनाते हुए विरोध किया। किसी शिक्षक ने लिखा कि ‘मेरी मां बीमार है। तीन दिन बाद मर जाएगी। इसलिए छुट्टी चाहिए।’ कोई लिख रहा है कि ‘आज पार्टी थी, ज्यादा खा लिए। परसों तबीयत बिगड़ी जाएगी, इसलिए छुट्टी चाहिए।’ इस तरह के पत्र खूब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
ऐसे में सेल्फी सिस्टम के फैसले को वापस लेने और आकस्मिक अवकाश की सुविधा को पूर्व की भांति बहाल करने के इस फैसले वाली खबर का शिक्षक बाहें फैलाकर स्वागत कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि अगर फैसले वापस होते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं। लेकिन अगर नहीं होता है तो हम आंदोलन करेंगे।
(रिपोर्ट- रूपेश कुमार झा)