इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाही की कगार पर है और देश के डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच शहबाज शरीफ की सरकार ने देश के बजट को पेश किया है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि शहबाज सरकार देश की बर्बाद होती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए एक दिशा तय करने में फेल साबित हुई है। पाकिस्तान के विशेषज्ञ अब शहबाज सरकार को दुश्मनी को भुलाकर भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की नसीहत दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि भारत के साथ व्यापार शुरू करके पाकिस्तान के लोगों की किस्मत बदल सकती है और महंगाई से राहत दिला सकती है। पाकिस्तान के चर्चित अखबार डॉन ने अपने संपादकीय में देश के अंबानी कहे जाने वाले दिग्गज उद्योगपति मियां मांशा के भारत को लेकर दिए गए बयान का हवाला दिया। मांशा ने कहा था कि भारत एक शानदार केस स्टडी है जो 3 दशक पहले केवल एकबार आईएमएफ के पास कर्ज लेने गया था और अब उसकी मेहनत का फल दिख रहा है। मांशा ने कहा कि यह पाकिस्तान के ही हित में है कि वह भारत और क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार को तेज करे। यह पाकिस्तान के लंबी अवधि के लिए अर्थव्यवस्था में स्थिरता के लिए पूर्व शर्त है। ‘पाकिस्तान ने भारत से अच्छा आइडिया लेना बंद किया’ डॉन ने लिखा कि दुर्भाग्य है कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी देश भारत से अच्छे आइडिया या सस्ते सामान का आयात बंद कर दिया है। पाकिस्तान में कई लोग मांग रह रहे हैं कि भारत के साथ व्यापार को फिर से शुरू किया जाए। उसने कहा कि जब ऐतिहासिक रूप से दो देशों में प्रतिस्पर्द्धा होती है तो भी वे आपसी व्यापार को बंद नहीं करते हैं तो भारत और पाकिस्तान को क्यों ऐसा करना चाहिए। अखबार ने कहा कि अगर पाकिस्तान के भारत के साथ व्यापार को बंद करने के फैसले से किसी का घाटा हुआ है तो यह केवल पाकिस्तानी लोगों का हुआ है। पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारी विदेश नीति के पंडित और निर्णयकर्ता अपने रवैये पर फिर से विचार करें और भूराजनीतिक विवादों से व्यापार को अलग रखें। पाकिस्तान भारत से खाने से लेकर दवाओं तक का आयात कर सकता है। वह भी दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में ज्यादा सस्ते दाम पर। इसके बाद भी पाकिस्तान की सरकार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया है। ऐसे समय पर जब महंगाई से पाकिस्तानी जनता तड़प रही है, इस बैन के फैसले पर फिर से विचार की जरूरत है। पाकिस्तानियों को बड़ी राहत दे सकता है भारत अखबार ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार के साथ- साथ पाकिस्तान सरकार भारत के साथ मतभेदों पर अपने रुख को बरकरार रख सकती है। इस बीच भारत से सस्ते सामानों का आयात होने दिया जाए ताकि जनता को महंगाई की मार से राहत मिल सके। व्यापार और भूराजनीति को अलग-अलग करके देखने की जरूरत है। इस मामले का राजनीतिकरण करना स्वार्थपूर्ण होगा और इससे लोगों की सेवा नहीं होगी। इस मामले में पाकिस्तान सरकार और नेताओं दोनों को सहमत होना होगा।