औरंगाबाद: बिहार में स्नान के दौरान डूबने से पांच बच्चों की मौत हो गई। सलैया के सोनारचक की घटना है। अब इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। रक्षाबंधन का पर्व होने की वजह से घरवालों ने चिकन बनाने से मना कर दिया। इसके बाद पांचों लड़कों ने पहले घर में अपनी-अपनी बहनों से राखी बंधवाई फिर चिकन पार्टी का प्लान कर लिया। पांचों लड़के तालाब के पास पार्टी मनाने निकल गए। मुर्गा और पुलाव खाने के बाद पांचों बच्चे पोखर में स्नान करने उतर गए, जहां ये हादसा हुआ। चिकन-पुलाव पार्टी के बाद स्नान के दौरान हादसा?औरंगाबाद में डूब कर जिन बच्चों की मौत हुई, उन सबकी उम्र 10-12 साल के बीच है। राखी का त्योहार होने की वजह से घर में चिकन नहीं बना। फिर क्या था सबने राखी बंधवाने के बाद पोखर पर चिकन-पुलाव पार्टी के लिए निकल गए। चिकन-पुलाव खाने के बाद पोखर में स्नान करने उतर गए। मगर पानी का अंदाजा नहीं था। इस दौरान पांचों बच्चों की डूबकर मौत हो गई। मरनेवाले सभी बच्चों की 10-12 साल के बीचस्थानीय लोगों की मदद से उन्हें पोखर से निकालकर अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने पांचों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। मृतकों में अनुज यादव का पुत्र शुभम ऊर्फ गोलू कुमार (11), उदय यादव के दो पुत्र नीरज कुमार (12) और धीरज कुमार (10), सुखेंद्र यादव का पुत्र प्रिंस कुमार (12) और योगेंद्र यादव का पुत्र अमित कुमार (12) शामिल हैं। घरवालों को इस तरह मिली जानकारीग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि गांव से 500 मीटर की दूरी पर पहाड़ के पास एक तालाब है। तालाब को जेसीबी मशीन से गहरा गड्ढा कर छोड़ दिया गया था। इस कारण ज्यादा गहरा हो गया है। पहाड़ के पास जानवर चरा रहे कुछ लोगों ने देखा कि चार-पांच बच्चों का कपड़ा बाहर रखा हुआ है लेकिन वहां आसपास बच्चे नहीं दिख रहे थे। उसने गांव में जाकर इस बात की सूचना दी। सूचना मिलते ही तुरंत ग्रामीण वहां जुट गए। बच्चों के डूबने की आशंका महसूस करते हुए ग्रामीण तालाब में कूद पड़े। काफी देर तक खोजबीन के बाद ग्रामीणों ने डूबे हुए बच्चों को बाहर निकाला। तुरंत सभी को कासमा के एक निजी क्लीनिक में पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने सभी बच्चों को मृत घोषित कर दिया। गांव में पसरा मातमी सन्नाटागांव में एक साथ पांच बच्चों की असामयिक मौत के बाद गांव में मातम छा गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की सूचना मिलने के बाद समय पर प्रशासन को घटनास्थल पर नहीं पहुंचने को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया। इस बात से नाराज होकर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।