अमेरिका का पाकिस्तान प्रेम तो देखिए, आतंक के सौदागर के साथ एंटी-टेरर टॉक करेगा बाइडेन प्रशासन

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रति अमेरिका की विदेश नीति पूरी तरह से बदल चुकी है। इसी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 1 साल तक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक फोन का इंतजार करते अपने पद से रुखसत हो गए। वहीं, शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनते ही अमेरिका ने पलक-पांवड़े बिछा दिए थे। शहबाज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान न केवल राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ फोटो खिंचवाई, वहीं अमेरिका से बाढ़ राहत के नाम पर करोड़ो डॉलर भी खींच लाए। इसके बाद अमेरिका ने भारत को नाराज कर पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने की डील फाइनल की। अब बाइडेन प्रशासन पाकिस्तान के साथ आतंकवाद पर बातचीत शुरू करने जा रहा है। जबकि, पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का सबसे बड़ा स्पांसर स्टेट है।

क्या बोले बिलावल भुट्टो जरदारी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बताया कि पाकिस्तान और अमेरिका अगले महीने आतंकवाद से निपटने के अपने प्रयासों के समन्वय की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वार्ता करेंगे। वॉशिंगटन के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे बिलावल ने अमेरिकी विदेश विभाग के काउंसलर डेरेक चॉलेट के साथ एक अलग बैठक की। इस दौरान चॉलेट ने उन्हें आश्वासन दिया कि अमेरिका सभी की सुरक्षा के लिए आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान के साथ खड़ा है। चोलेट ने बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने पेशावर में हाल की बमबारी पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता और बाढ़ से उबरने की दिशा में प्रगति पर चर्चा की।

बिलावल बोले- आतंकवाद बन रहा सबसे बड़ा मुद्दा

अगले महीने होने वाले आतंकवाद विरोधी सम्मेलन के बारे में बात करते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि आतंकवाद वास्तव में एक मुद्दा बनता जा रहा है, न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह मास्को की अपनी यात्रा के दौरान रूसी अधिकारियों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि हमें एक बार फिर आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समन्वय की जरूरत है। आतंकवादी एक दूसरे के साथ अपने कार्यों का समन्वय करते हैं ऐसे में आतंकवाद का मुकाबला करने वाली ताकतों को ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए?

अमेरिका को देिखाया अल कायदा का डर

बिलावल ने कहा कि हमें, पाकिस्तान में टीटीपी से निपटना होगा। चीन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट को लेकर चिंतित है। अमेरिका अल कायदा के बारे में चिंतित है जबकि रूसी भी कुछ समूहों पर केंद्रित हैं। ऐसे में उन सभी को अपने प्रयासों का समन्वय करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका अगले महीने गरीबी उन्मूलन, नशीले पदार्थों पर नियंत्रण और कुछ अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे।