सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पोस्ट में न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की गुरुवार को जमकर खिंचाई की और उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि यह देखते हुए कि ललित मोदी कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं, यह उनके द्वारा दायर जवाबी हलफनामे से संतुष्ट नहीं है। इसे भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में RSS मार्च के खिलाफ स्टालिन सरकार की याचिका खारिज कीशीर्ष अदालत ने पूर्व-आईपीएल आयुक्त को सोशल मीडिया और प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी माफी मांगने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने उन्हें माफी मांगने से पहले एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया और कहा कि भविष्य में भविष्य में ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जाएगी जो भारतीय न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने के लिए दूर-दूर तक समान हो।इसे भी पढ़ें: Haryana: अनिल विज बोले- राहुल गांधी को हुआ अडानिया फीवर, इतना तो बताएं कि अडानी पर आरोप क्या है?इससे पहले ललित मोदी ने बुधवार को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था- केवल यह स्पष्ट करने के लिए कि ये दलाल झूठ फैलाकर भारत और इसकी न्यायपालिका को बदनाम करते हैं। वे दिखावे के अलावा और कुछ नहीं कर सकते और फिक्सिंग के लिए पैसे की मांग करते हैं। हालांकि, यह ट्वीट किस बारे में था अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। ऐसा बताया जा रहा है कि ललित मोदी ने अपने ऊपर लगे मामलों को लेकर टिप्पणी की है।Just to clarify that these touts give india and it’s judiciary a bad name by peddling lies. They can’t do anything but show up and demand money for fixing— Lalit Kumar Modi (@LalitKModi) April 12, 2023