नई दिल्ली: ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 सदस्यीय कमिटी बना दिया है। पूर्व जस्टिस ए एम सप्रे कमिटी के अध्यक्ष होंगे। कोर्ट ने इस मामले में सेबी को भी गड़बड़ी की जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने सेबी को 2 महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को सुनवाई के दौरान कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए गठित की जाने वाली समिति में शामिल करने के लिए केंद्र द्वारा सुझाए एक्सपर्ट्स के नाम मुहरबंद लिफाफे में दिए जाने पर वह स्वीकार नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट के 6 सदस्यीय कमिटी के सदस्य पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे (अध्यक्ष)ओपी भट्ट जस्टिस जेपी देवदत्त के वी कामथ नंदन नीलकेनी सोमशेखरन सुंदरसनशीर्ष अदालत ने सेबी से सभी जरूरी दस्तावेज कमिटी को सौंपने को कहा है। कोर्ट ने कमिटी को अडानी मामले की जांच करने को कहा है। इसके अलावा ऐसे मामलों से निपटने के लिए मजबूत फ्रेमवर्क देने को कहा है। कोर्ट ने साथ ही कमिटी को ऐसे मामलों से निपटने के लिए मजबूत कानूनी उपाय भी सुझाने को कहा है।चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पिछली सुनवाई में कहा था कि कोर्ट सरकार के भेजे गए नाम स्वीकार नहीं करेगी। कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखेगी। अदालत ने कहा था कि अगर वह सरकार के सुझाए हुए नाम लेती है तो इसकी निष्पक्षता पर संदेह होगा। इसलिए शीर्ष अदालत खुद कमिटी का गठन करेगी।