सऊदी अरब का इजरायल को झटका, शांति समझौते पर जारी बातचीत रोकी, अमेरिका भी टेंशन में

रियाद: सऊदी अरब ने इजरायल के साथ शांति समझौते पर बातचीत को रोक दिया है। इसे इजरायल के लिए काफी बड़ा झटका बताया जा रहा है। इजरायल लंबे समय से खाड़ी के सबसे ताकतवर देश सऊदी अरब के साथ शांति समझौते की कोशिश में था। इसके लिए अमेरिका ने इजरायल की काफी मदद की थी। अब अरब मीडिया आउटलेट एलाफ ने प्रधानमंत्री कार्यालय के एक इजरायली अधिकारी के हवाले से बताया है कि सऊदी अरब ने रविवार को इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की सभी वार्ता को रोकने के फैसले के बारे में बाइडन प्रशासन को सूचित कर दिया है।शांति समझौते से क्यों पीछे हटा सऊदी अरबएलाफ की अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार, रियाद ने अमेरिका के माध्यम से एक संदेश जारी किया, जिसमें बताया गया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली इजरायल की दक्षिणपंथी सरकार की फिलिस्तीनियों और सऊदी अरब के साथ मेल-मिलाप की किसी भी संभावना को बाधित कर रही है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नेतन्याहू सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गाविर और वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच की मांगों को स्वीकार करने के कारण सऊदी अरब संभावित शांति समझौते से पीछे हट गया है। इतामार बेन गाविर और बेजेलेल स्मोट्रिच को सऊदी अधिकारी धुर दक्षिणपंथी नेता के तौर पर देखते हैं।फिलिस्तीन मुद्दा बना सबसे बड़ा कांटापिछले हफ्ते, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि सऊदी अरब ने बाइडन प्रशासन को बता दिया है कि इजरायल के साथ किसी भी सामान्यीकरण समझौते के लिए फिलिस्तीनी मुद्दों को हल करना महत्वपूर्ण है। पॉडकास्ट पॉड सेव द वर्ल्ड के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सउदी से हम जो सुनते हैं उससे यह भी स्पष्ट है कि यदि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ना है, तो फिलिस्तीनी हिस्सा भी बहुत महत्वपूर्ण होगा। द्विराष्ट्र सिद्धांत की गुहार लगा रहा अमेरिकाब्लिंकन ने कहा, अरब दुनिया के साथ इजरायल का सामान्यीकरण और इजरायल और उसके पड़ोसियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे कोई भी प्रयास इजरायल और फिलिस्तीनियों के अपने मतभेदों को सुलझाने और फिलिस्तीनियों के लिए बेहतर भविष्य का विकल्प नहीं हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि बातचीत में इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान को शामिल करने की आवश्यकता है। पिछले महीने, विदेश मंत्री एली कोहेन ने एलाफ के साथ एक इंटरव्यू में जोर देकर कहा था कि फिलिस्तीन का मुद्दा शांति के लिए बाधा नहीं है।