शाजापुर में चुनावी रंजिश को लेकर सरपंच के द्वारा दलित परिवारों के आशियाने उजाड़ने की तैयारी की जा रही है. सरपंच की इस करतूत से परेशान होकर पीड़ित परिवार के लोगों ने अखिल भारतीय बलाई महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम मालवीय के साथ शाजापुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है. मंगलवार को ग्राम उगाह के दर्जनों ग्रामीण मालवीय के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और सरपंच पर चुनाव रंजिश का आरोप लगाते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर बताया कि चुनावी रंजिश के चलते गांव का सरपंच, अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव करते हुए उनकी झोपड़ी को अतिक्रमण बताकर हटाने का प्रयास कर रहा है, जबकि गांव के अन्य लोगों ने शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. महज दलित समुदाय के लोगों को चुनाव समय वोट नहीं देने पर निशाना बनाया जा रहा है.
झोपड़ियों को तोड़ने की मिल रही धमकी
ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि पर बनी झुग्गी-झोपड़ियों को सरपंच अतिक्रमण बताकर हटाना चाहता है उक्त भूमि पर सभी परिवार कई वर्षो से रह रहे हैं. इसी भूमि पर शासन की योजना के तहत परिवार के लोगों ने शौचालयों का भी निर्माण कराया है, लेकिन सरपंच के द्वारा उक्त सभी शौचालयों को ध्वस्त करने और झोपड़ियों को तोड़ने की धमकी दी जा रही है. साथ ही तहसीलदार से नोटिस दिलाया है कि दो दिनों में झुग्गियां नहीं हटाई गई तो बलपूर्वक हटाई जाएगी. ज्ञापन में झोपड़ियों को नही हटाते हुए पट्टा स्वीकृत की मांग की गई है.
झोपड़ी हटाई तो होगा चक्काजाम, संगठन ने दी चेतावनी
झोपड़ी हटाई तो होगा चक्काजाम दलित परिवारों की झोपड़ी हटाने के मामले में अखिल भारतीय बलाई महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम मालवीय ने आंदोलन की चेतावनी दी है. मंगलवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय में शाजापुर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए मालवीय ने कहा कि गांव में सरपंच के द्वारा सिर्फ दलित परिवार के लोगों को ही टारगेट किया जा रहा है. यही कारण है कि गांव के रसूखदारों के द्वारा कई बीघा शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की बजाय दलितों को सताने का काम किया जा रहा है.
मालवीय ने कहा है कि गांव का अन्य अतिक्रमण हटाए बिना ही दलितों के आशियाने उजाड़े गए तो शाजापुर मुख्यालय पर चक्का जाम कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा. शासन-प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये को बदाश्त नहीं किया जाएगा. ज्ञापन देते समय मोहनसिंह, जसमत, बनेसिंह, रमेशचंद्र, विश्वल, मोरसिंह, अनोखीलाल, भागीरथ, घनश्याम, देवीसिंह, दिनेश सहित ग्रामीण मौजूद थे.