बसनियां चट्टी कांड: कृष्‍णानंद राय की गाड़ी के बोनट पर चढ़कर संजीव जीवा ने दागी थीं गोलियां! कोर्ट ने कर दिया बरी

लखनऊ/गाजीपुर: तारीख 29 नवंबर 2005, दिन मंगलवार। मुहम्मदाबाद के तत्‍कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को अपने विधानसभा क्षेत्र के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने जाना था। वह उद्घाटन कर लौट रहे थे। इसी दौरान बसनियां चट्टी इलाके में पहले से घात लगाए शूटरों ने ऑटोमेटिक राइफल से उनके काफिले पर हमला कर दिया था। इस हमले में कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों की मौत हो गई थी। इस हत्‍याकांड में पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के उसी गैंगस्‍टर संजीव जीवा का नाम सामने आया था, जिसकी बुधवार को लखनऊ कचहरी में सरेआम गोलियां मारकर हत्‍या कर दी गई। कृष्‍णानंद राय हत्‍याकांड की रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर राय की मानें तो जीवा ने विधायक की गाड़ी के बोनट पर चढ़कर एके 47 से गोलियां मारी थीं जो उनके सिर पर लगी थी। संजीव जीवा की पत्‍नी पायल राष्‍ट्रीय लोकदल पार्टी की नेता हैं। वह 2017 विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। कृष्‍णानंद राय हत्‍याकांड में जीवा को सीबीआई अदालत ने बरी कर दिया था। हालांकि यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जयशंकर राय ने बताया कि घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले कुछ लोगों में से वह भी थे। उस दिन क्षेत्र के मनिया मिर्जाबाद में प्रदेश स्तरीय कृषि गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस गोष्‍ठी में कृषि विशेषज्ञों के साथ ही अन्य विषय विशेषज्ञ को वक्ता के तौर पर बुलाया गया था। गोष्‍ठी का समापन जिलाधिकारी को करना था। दोपहर के 2:40 बजे होंगे तभी जिलाधिकारी के मोबाइल फोन पर उन्हें कुछ सूचना दी जाती है। कॉल सुनने के बाद खेद व्यक्त करते हुए डीएम कार्यक्रम के बीच से ही मुख्यालय के लिए चल पड़ते हैं। इस दौरान पत्रकार राय को किसी स्थानीय जानने वाले ने उन्हें सूचना दी कि बसनियां चट्टी पर गोलीबारी चल रही है। वह अपने दूसरे सहयोगी के साथ घटनास्थल पर 3:20 तक पहुंच चुके थे। गाड़ी पर इस कदर फायरिंग कि एक हिस्‍सा पूरी तरह छलनी राय ने बताया कि वहां की स्थिति भयावह थी। एक गाड़ी में कृष्णानंद राय पीछे की सीट पर और अगली सीट पर उनका गनर निर्भय उपाध्याय का शव पड़ा था। बाकी अन्य 5 लोगों की लाश गाड़ियों के इर्द-गिर्द सड़क पर गिरी हुई मिली थी। ऐसा इसलिए था कि गोलीबारी होने के साथ ही गाड़ियों से कृष्णानंद राय के समर्थक उतर कर सुरक्षित जगह छिपने के प्रयास में भागने लगे। जयशंकर राय ने बताया कि इस कदर फायरिंग की गई थी कि गाड़ी का एक हिस्सा पूरी तरीके से छलनी हो गया था। कृष्णानंद राय ने करीब 2:00 बजे सियाड़ी गांव में क्रिकेट मैच का उद्घाटन किया। वहां से निकल कर उन्हें कनुवान गांव जाना था। विधायक राय की पहले से कनवानी गांव जाने को लेकर कोई योजना नहीं थी। क्रिकेट मैच के उद्घाटन के बाद वहां से निकलते समय ही उनके कुछ सहयोगियों ने कनुवान चलने का प्रस्ताव दिया। ऑटोमैटिक राइफल से चली 500 गोलियां सियाड़ी से कनुवान के लिए अभी विधायक राय करीब एक किलोमीटर ही चले होंगे कि आगे एक चार पहिया गाड़ी रास्ता रोके खड़ी थी। गाड़ी की ड्राइविंग सीट खाली थी। जब तक कोई कुछ समझता तब तक कृष्‍णानंद राय की गाड़ी पर तड़ातड़ फायरिंग होने लगी। पत्रकार राय के अनुसार, संजीव जीवा ने विधायक की गाड़ी के बोनट पर चढ़कर एके 47 से गोलियां बरसाई थीं जो उनके सिर पर लगी बतायी जाती है। हालांकि विधायक कृष्‍णानंद राय के साथ भी कुछ राइफलधारी थे। पर वे ऑटोमैटिक रायफल की फायरिंग के आगे बेबस महसूस कर छुपने की जतन में जुट गए। अंदाजन 500 राउंड गोली ऑटोमैटिक राइफल से विधायक राय की गाड़ी पर दागे गए थे। मौके पर इस फायरिंग से कुल 7 लोग मारे गए थे। उस दिन बुलेटप्रूफ गाड़ी से नहीं निकले थे कृष्‍णानंद राय जानकारों का कहना है कि विधायक कृष्णानंद राय प्रतिदिन क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने अपनी बुलेटप्रूफ गाड़ी से जाते थे। उस दिन भी उनके शुभचिंतकों ने उन्हें बुलेट प्रूफ गाड़ी से ही चलने को कहा। लेकिन पत्रकार राय की मानें तो शायद इस तरह की घटना नहीं होने को लेकर कृष्णानंद राय पूरी तरह आश्वस्त थे। हालांकि कृष्णानंद राय खुद के पर्सनल गार्ड लेकर चलते थे। कृष्णानंद ने कार्यक्रम में जाने से पहले अपने लोगों को यह भी कहा कि बनारस से उनके पर्सनल गॉर्ड चल चुके हैं। कार्यक्रम में रहने के दौरान ही वे गॉर्ड उनकी सुरक्षा में तैनात हो जाएंगे। जिस समय कृष्णानंद राय की हत्या हुई, उस समय मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में बंद था। इस हत्या को अंजाम देने वालों में मुख्तार अंसारी गैंग के कई शूटरों के लिप्त होने की बात कही गई थी। मुन्‍ना बजरंगी, राकेश पांडेय, रिंकू तिवारी के बाद अब जीवा भी मारा गया इस शूटआउट में मुख्य रूप से अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर, संजीव माहेश्‍वरी ऊर्फ जीवा, मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडेय उर्फ हनुमान पांडेय विश्वास नेपाली और रिंकू तिवारी शामिल थे। इनमें से मुन्ना बजरंगी बागपत जेल में हुए हमले में मारा गया था। राकेश पांडेय और रिंकू तिवारी भी मारे जा चुके हैं।अब जीवा का नाम भी मारे गए लोगों में जुड़ गया है। वहीं, अताउर रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर अब भी फरार है। उसपर इंटरपोल ने दो लाख का इनाम घोषित रखा है। इसी तरह से विश्वास नेपाली भी फरार है। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित है।