अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा का मामला गरमाया हुआ है। इस हिंसा में करीब 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। वहीं संभल हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच देवरिया से बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने इस शाही जामा मस्जिद को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। बीजेपी विधायक का दावा है कि 2012 से पहले यहां जामा मस्जिद नहीं हरि मंदिर था, जिसमें पूजा अर्चना होती थी। शलभमणि त्रिपाठी के दावे के बाद राजनीतिक पारा बढ़ गया है। दरअसल बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने अपने आधिकारिक एक्स पर चार तस्वीरें पोस्ट की है। पोस्ट के जरिये बीजेपी विधायक ने लिखा कि 2012 यानी सपा सरकार से पहले तक हरि मंदिर पर पूजा अर्चना होती थी। शादी ब्याह के संस्कार भी होते थे, इसकी पुरानी तस्वीरें भी हैं। उन्होंने बताया कि सपा सरकार में MP शफीकुर्रहमान बर्क़ के दबाव में पूजा अर्चना रूकवा दी गई थी। सरकारी गजट में हिंदू मंजिद का जिक्रहरि मंदिर को पूरी तौर पर जामा मस्जिद में तब्दील कर दिया गया था, जबकि सरकारी गजट से लेकर तमाम लेखों में यहां हिंदू मंदिर का जिक्र है। यही वजह है कि आज कुछ लोगों को सर्वे से डर लगता है।वहीं बीजेपी विधायक ने पोस्ट में कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की है। इसमें दो तस्वीरें किसी हिंदू परिवार की शादी की है, जबकि दो तस्वीरें अन्य है। ये दोनों तस्वीरें इसी से जुड़ी हुई बताई जा रही है। फिलहाल संभल की जामा मस्जिद जिसे हिंदू पक्ष हरि मंदिर होने का दावा कर रहा है, उसको लेकर विवाद गरमाया हुआ है। संभल हिंसा के सबूत पर पर्दाशनिवार को सपा का एक डेलिगेशन संभल जाना था, लेकिन जिला प्रशासन ने एक नोटिस जारी की है। संभल दौरे को लेकर यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि नियमानुसार हमें लिखित नोटिस मिलना चाहिए। हमें कोई लिखित नोटिस नहीं मिला। न्याय आयोग, प्रेस के लोग वहां जा रहे हैं, अगर हम चले जाएंगे तो क्या वहां अशांति पैदा हो जाएगी। ये सरकार जानबूझकर अपने कार्यों पर पर्दा डालने के लिए हमें रोक रही है।