हरियाणा विधानसभा बजट सत्र 2025: जलेबी के फेर में फंसी सैनी सरकार! 5वें दिन भी हंगामे के आसार

हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र का आज 5वां दिन है। सुबह 10 बजे से शुरू होने वाली कार्यवाही में सबसे पहले प्रश्नकाल होगा, जिसमें विधायक मंत्रियों से अपने क्षेत्रों के मुद्दों पर सवाल करेंगे। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। होली के त्योहार को देखते हुए 14 से 16 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी। सत्र फिर 17 मार्च से शुरू होगा, जब मुख्यमंत्री नायब सैनी बतौर वित्त मंत्री अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगे। पिछले तीन दिनों में सदन में कई मुद्दों पर हंगामा देखने को मिला, जिसमें कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी बहस हुई।इससे पहले हरियाणा विस बजट सत्र के चौथे दिन यानी 12 मार्च को भी सदन में खूब हंगामा देखने को मिला। जलेबी के फेर में कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा फंस चुके थे। दरअसल, 11 मार्च को मंत्री अरविंद शर्मा और बीजेपी के ही विधायक राम कुमार गौतम के बीच हरियाणा में मशहूर गोहाना की जलेबी से लेकर गोबर व राजनीति छोड़ देने तक के ऐलान के हुए शर्मनाक वाक्ये ने विपक्ष को बैठे बैठाए एक हथियार थमा दिया। सत्ता पक्ष के ही दो विधायकों ने ऐसी बहस की कि सरकार को ही फंसा दिया।विस में हुए इस जलेबी कांड की गूंज हरियाणा के कोने-कोने तक सुनी गई। मसला कितना गंभीर है इसको ऐसे समझें कि सूत्रों के मुताबिक 12 मार्च को विस शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सीएम हाउस में सभी मंत्रियों को कॉल कर लिया, जिसमें अगली रणनीति बनाई गई। सरकार की अब कैसे भी डैमेज कंट्रोल की कवायद थी, लेकिन राज्य भर में चर्चा के साथ ही विपक्ष के हाथ मुद्दा लग चुका था। विस में प्रश्नकाल के आगाज के साथ ही विपक्ष यानि कांग्रेस के विधायक फ्रंट फुट पर थे और सत्ता पक्ष बैकफुट पर। पहले कांग्रेस के थानेश्वर से वरिष्ठ विधायक अशोक अरोड़ा ने मुद्दा उठाया। जलेबी कांड में हुई बहस के बीच भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने मंत्री पर लेन-देन के संगीन आरोप लगाए थे।कांग्रेस विधायकों ने कहा कि मंत्री पर भाजपा विधायक के रिश्तेदार से 10 लाख रुपये लेने का आरोप लगा है। आरोप गंभीर है। हाउस की कमेटी बनाकर इसकी जांच होनी चाहिए। स्पीकर हरविंद्र कल्याण एक दिन पहले हुए इस घटनाक्रम की बहस सदन की कार्यवाही से पहले ही निकाल देने का बार-बार तर्क दे रहे थे। कांग्रेस विधायक व पूर्व स्पीकर डा. रघुवीर कादियान का तर्क था कि संसदीय कार्यमंत्री महिपाल ढांडा ने खुद माना है कि सदन की मर्यादा टूटी है। ढांडा ने इससे पहले कहा था कि दोनों तरफ से अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल हुआ है, वह ठीक नहीं है। कादियान के हमले पर ढांडा कह रहे थे कि आप लोग पूरे मसले की गोल-गोल जलेबी बना रहे हैं। सत्ता पक्ष के लिए शायद जलेबी से निकल पाना मुश्किल हो रहा था। कांग्रेस विधायक कादियान कह रहे थे कि मंत्री और सरकार पर आरोप गंभीर है। संसदीय कार्यमंत्री विपक्ष पर राई का पहाड़ बनाने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन विपक्ष अड़ा था। इस बीच स्पीकर तर्क दे रहे थे कि जलेबी का मामला कल निबट चुका है। अब बार-बार इस पर बात नहीं करेंगे। इस पर डा। रघुबीर कादियान ने स्पीकर से रूलिंग की मांग की।पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना था कि कल सदन में एक नहीं बल्कि दो घटनाएं हुई हैं। हुड्डा ने सवालिया अंदाज में कहा कि पहली बात यह है कि आरोपों पर सरकार क्या संज्ञान लगी। दूसरी बात यह है कि स्पीकर सूओ-मोटो क्या संज्ञान लेंगे। तीसरी बात यह है कि सरकार अब तक चुप क्यों बैठी है। रूलिंग देने की बात पर स्पीकर कह रहे थे कि यह किसी व्यक्ति का सवाल नहीं है। पूरे सदन की मर्यादा का सवाल है। सभी लोग सदन की मर्यादा रखें। असली मलिक जनता है, जिसने हमें यहां भेजा है। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने मांग की कि स्पीकर की अध्यक्षता में एक कमेटी बने, जो इसकी जांच करे। विपक्ष ने सदन में एक निंदा प्रस्ताव भी लाने की मांग की। विपक्ष कह रहा था कि सवाल मंत्री के भ्रष्टाचार का है। हुड्डा, अशोक अरोड़ा, डा। रघुवीर कादियान व गीता भुक्कल समेत कांग्रेस के विधायक सत्ता पक्ष व स्पीकर के साथ लगातार बहस कर रहे थे। इस बीच सदन में जमकर हंगामा होता रहा। सरकार किसी तरह गले में फंस गए इस मुद्दे से बाहर निकलना चाह रही थी और विपक्ष किसी भी हालत में सरकार को बचकर निकलने का रास्ता देने के लिए तैयार नहीं था। जब सरकार किसी भी हालत में जांच के लिए तैयार नहीं हुई तो कांग्रेस के विधायक मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए वाकआउट कर गए।उधर, ओलंपियन व जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने सीएम को आईना दिखाया। विनेश ने कहा कि पेरिस ओलंपिक के दौरान पूरा देश मेरे साथ था। तब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की थी कि विनेश को सिल्वर मेडल का सम्मान दिया जाएगा, लेकिन आज तक नहीं मिला। लोग उनसे पूछ रहे हैं। इस पर सामने बैठे सीएम सैनी के पास कोई जवाब नहीं था। उन्होंने हाथ जोड़ कर सिर्फ इतना कहा कि अब तो आप सदन की माननीय सदस्य हैं। इससे पहले विनेश ने बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ हमने सड़कों पर संघर्ष किया। दो दिन पहले कुश्ती को उसी व्यक्ति को सौंप दिया गया है। जब मैंने अपनी लड़ाई लड़ी थी तब मैं राजनीतिक नहीं थी, मैं खिलाड़ी हूं। खिलाड़ी हमेशा खिलाड़ी ही रहेगा। मैं बड़े दुख के साथ कहना चाहती हूं कि यहां की सरकार ने मेरे संघर्ष के दौरान साथ नहीं दिया। सरकार कह रही है कि हमने दस सालों में खिलाड़ियों को 500 करोड़ रुपए से अधिक दिया है, लेकिन ये आंकड़ा गलत है। 250 इंडोर स्टेडियम और जिम बनाने की बात बताई जा रही है, लेकिन क्या एक जिम में 20 लाख रुपए ही सरकार ने खर्च किए हैं। विनेश फोगाट ने खिलाड़ियों की डाइट को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बीस साल पहले भी खिलाड़ियों को 1500 रुपए मिलते थे, आज भी यही पैसा मिलता है।