मंदिर मे नाक रगड़ें शाहरुख-दीपिका, मयार्दा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं, ‘पठान’ पर साध्वी ऋतंभरा

शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान रिलीज से पहले ही विवादों में घिरती नजर आ रही है. फिल्म के गाने बेशरम रंग में दीपिका की ड्रेस को लेकर विरोध किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि दीपिका ने भगवा बिकिनी पहनकर हिंदू धर्म और साधु संतों का अपमान किया है. मध्यप्रदेश में फिल्म के बैन करने की बात सामने आ रही है. भाजपा इसका विरोध कर रही है. वहीं अब साधु संत भी शाहरुख खान की फिल्म पठान पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं. संत समागम में शामिल होने आई साध्वी ऋतंभरा ने पठान फिल्म मे भगवा रंग के वस्त्रों के उपयोग को गलत बताया और पठान फिल्म का विरोध दर्ज करने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि हमे अपने स्वाभिमान की रक्षा स्वयं करना होगी. इंटरटेनमेंट के चक्कर मे हम अपनी मयार्दा का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जहां भी हमारे स्वाभिमान पर चोंट हो. वह फिल्में न देखें और ऐसे लोगों के बिजनेस को चोपट करो, मां भगवती के मंदिर में नाक रगड़े, हम स्वाभिमान ओर नैतिक मूल्यों पर आघात बर्दाश्त नहीं करेंगे.
भगवा रंग कोई बेशर्म रंग नहीं है
स्वास्तिक पीठाधीश्वर परामर्श डॉ अवधेशपुरी ने कहा की इस फिल्म में बेशर्म रंग गाने में भगवा रंग का उपयोग किया गया है जो की फिल्म बनाने वाले लोगों की गलत सोच को उजागर करता है. भगवा रंग कोई बेशर्म रंग नहीं है. यह रंग सनातनियों के गौरव और त्याग का प्रतीक है. इस रंग को सनातनी और संत धारण करते हैं. अभिव्यक्ति की आजादी के रूप में भगवा संस्कृति का इस प्रकार अपमान करना सरासर गलत है.
इस फिल्म का पुरजोर विरोध करेंगे
वहीं महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती ने बताया कि इस देश को ना तो पठान चाहिए और ना ही मुगल मध्यप्रदेश में ऐसी फूहड़ ताकि फिल्म नहीं चलनी चाहिए जो कि हमारी संस्कृति का मजाक बनाती हो हम किसी भी कीमत पर इस फिल्म को नहीं चलने देंगे और इस फिल्म का पुरजोर विरोध करेंगे. वही वृंदावन से आई साध्वी सत्यप्रिया ने कहा कि यदि हमारी अस्मिता के गौरव के साथ कोई छेड़छाड़ करता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए. मनोरंजन स्वच्छ होना चाहिए और यदि मनोरंजन के नाम पर किसी भी धर्म का अपमान किया जाता है तो उसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
सनातनियो को इस फिल्म का पुरजोर विरोध करना चाहिए. वही महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने बताया कि भगवा रंग त्याग वैराग्य की प्रेरणा देता है, लेकिन फिल्मों मे भारतीय संस्कृति का मजाक बनाया जा रहा है. जोकि सरासर गलत है हमें पूर्व की तरह ही इस बार भी भारतीय संस्कृति का मजाक बनाने वाली फिल्म का विरोध कर फिल्म निमार्ताओं को बताना होगा कि अगर भारतीय संस्कृति अब मजाक बनाया जाता है तो ऐसी फिल्में अब इस देश में नहीं चल पाएगी.