नई दिल्ली: टाटा समूह (Tatasons) के पूर्व चेयरमैन () किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनका नाम सुनते ही मन में उनके लिए सम्मान उभरने लगता है। उनका नाम केवल कारोबार जगत में नहीं बल्कि देश के हर बूढ़े-बच्चे की जुबां पर रहता है। रतन टाटा जितने बड़े बिजनेसमैन हैं, उतने ही दानवीर और परोपरकारी भी। रतन टाटा की दानवीरता की कहानियां तो कई बार सुनी होगी, लेकिन आज उनके साहस और हिम्मत की कहानी सुनिए। रतन टाटा अपनी कंपनी और अपनी कंपनी के कर्मचारियों को लेकर हमेशा सजग रहते हैं। कर्मचारियों को वो अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं, इसलिए जब बात () के कर्मचारियों की आई तो वो अपने स्टाफ के लिए गैंगस्टर तक से भिड़ गए। जब गैंगस्टर से भिड़ गए रतन टाटा कोलंबिया बिजनेस स्कूल के साथ इंटरव्यू के दौरान रतन टाटा ने उस घटना का जिक्र किया जब गैंगस्टर टाटा मोटर्स के कारोबार को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। गैंगस्टर टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके साथ मारपीट कर रहा था, उन्हें डरा-धमका रहा था। रतन टाटा ने गैंगस्टर को रोकने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया। ये वीडियो साल 2015 का है, लेकिन एक बार फिर से वायरल हो रहा है। इंटरव्यू में रतन टाटा खुद पूरी घटना के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि टाटासंस के चेयरमैन पद संभालने के 15 दिन बाद ही टाटा मोटर्स में हलचल पैदा हो गई। वहां काम बंद होने की नौबत आ गई। गैंगस्टर को सिखाया सबक यह घटना साल 1980 के दौर की है। एक गैंगस्टर उनकी कंपनी टाटा मोटर्स के कर्मचारियों से रंगदारी वसूलने की कोशिश कर रहा था। वो टाटा मोटर्स के काम में मुश्किल खड़ा कर रहा था। कर्मचारियों में फूट डालने की कोशिश कर रहा था। उसने कंपनी के करीब 2000 कर्मचारियों को अपने साथ कर लिया था। फूट डालने, डराने-धमकाने के साथ-साथ गैंगस्टर टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के साथ मारपीट करता था और उन्हें काम बंद करने के लिए डरा-धमका रहा था। बाकी कर्मचारियों ने गैंगस्टर के डर से काम बंद कर दिया। गैंगस्टर टाटा मोटर्स के यूनियन पर कब्जा कर कंपनी में कर्मचारियों की हड़ताल करवाना चाहता था, लेकिन रतन टाटा ऐसा होने नहीं देना चाहते थे। कई दिनों तक टाटा मोटर्स के प्लांट में रहेरतन टाटा गैंगस्टर के सामने झुकने वालों में से नहीं थे। वो खुद प्लांट पहुंच गए। कई दिनों तक वहीं रहे। कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि वो उनके साथ हैं। गैंगस्टर उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा। वो कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते रहे, उन्हें वापस से काम शुरू करने के लिए प्रेरित करते रहे। रतन टाटा की कोशिशों की वजह से गैंगस्टर पकड़ा गया। प्लांट में भी फिर से काम शुरू हो गया। इसके साथ ही टाटा में कंपनी और लेबर्स के बीच मजबूत संबंधों की नई शुरुआत भी हो गई।