नई दिल्ली: चिलचिलाती गर्मी में राहत देने वाली इंस्टैंट ड्रिंक मिक्स रसना (Rasna) को फिलहाल हाई कोर्ट से थोड़ी राहत मिल गई है। गुजरात हाई कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी (NCLT) के आदेश पर रोक लगा दी। ट्रिब्यूनल ने एक सितंबर को कंपनी खिलाफ दिवालिया प्रोसेस शुरू करने का आदेश दिया था। साथ ही अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) को कंपनी का मैनेजमेंट अपने हाथ में लेने को कहा था। रसना ने इसके खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की है। इस बीच रसना ने हाई कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। हाई कोर्ट ने रसना की अपील पर सुनवाई होने तक एनसीएलटी के फैसले पर रोक लगा दी। यह मामला 71 लाख रुपये के बकाये की रकम से जुड़ा है।लॉजिस्टिक्स कंपनी भारत रोड कैरियर प्राइवेट लिमिटेड ने रसना के खिलाफ एनसीएलटी में दिवालिया याचिका लगाई थी। एनसीएलटी ने इस मामले में रवींद्र कुमार को आईआरपी नियुक्त किया है। लॉजिस्टिक कंपनी के मुताबिक उसने 2017-18 के दौरान रसना को सामान भेजा था। लेकिन कंपनी ने इसका भुगतान नहीं किया। लॉजिस्टिक्स कंपनी का कहना है कि वह 2019 से ही रसना से इंटरेस्ट के साथ 71 लाख रुपये के भुगतान की मांग कर रही है। रसना के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि एनसीएलटी ने उसे लिखित में जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया था लेकिन इस बीच फाइनल ऑर्डर पास कर दिया। रसना प्रॉफिट में चल रही है और उसका कर्ज महज 71 लाख रुपये है। कब होगी अगली सुनवाईकंपनी इस रकम को एनसीएलटी के पास जमा कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कंपनी को तीन सितंबर को एक नोटिस मिला जिसमें कहा गया था कि आईआरपी की नियुक्ति के साथ ही वह अपने बैंक अकाउंट्स को ऑपरेट नहीं कर सकती है। रसना ने अनुरोध किया कि जब तक एनसीएलएटी में उसकी अपील पर सुनवाई नहीं हो जाती है तब तक आईआरपी को मैनेजमेंट अपने हाथ में लेने से रोका जाए। इस पर हाई कोर्ट ने एनसीएलटी को ऑर्डर पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।