मेट्रो, रेल, रोड से जुड़ेगी रैपिड ट्रेन… सराय काले खां पर एंट्री-एग्जिट का पूरा नक्शा देखिए

नई दिल्‍ली: दिल्‍ली-गाजियाबाद-मेरठ RAPIDX कॉरिडोर के स्‍टेशंस तक आना-जाना बेहद आसान होगा। यात्रियों की सुविधा और सीमलेस कनेक्टिविटी के लिए चार फुट ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। कॉरिडोर का करीब 14 किलोमीटर लंबा स्‍ट्रेच राजधानी में रहेगा। RAPIDX रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का एक प्रोजेक्ट है। इसे फेज वाइज रोलआउट किया जा रहा है। इसके जरिए नई दिल्‍ली को मेरठ, अलवर और पानीपत जैसे शहरों से जोड़ा जाएगा। इस कॉरिडोर पर सराय काले खां RAPIDX स्टेशन पहला होगा। यहां के ओवरब्रिज पर ट्रेवलेटर इंस्‍टॉल किया जाएगा जो इसे हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से जोड़ेगा। RAPIDX स्टेशन को दिल्‍ली मेट्रो, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन और वीर हकीकत राय ISBT के पास बनाया जा रहा है। इसे ट्रांसपोर्ट के इन तीनों मोड्स के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। RAPIDX स्टेशन और रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी करीब 300 मीटर है।सराय काले खां एक महत्‍वपूर्ण RRTS ट्रांसपोर्ट हब है। यहां से फेज I के बाकी दो कॉरिडोर: दिल्‍ली-पानीपत और दिल्‍ली-SNB-अलवर तक इंटरऑपरेबिलिटी मिलेगी। SNB का मतलब शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ अर्बन कॉम्‍प्‍लेक्‍स है। RRTS : न्‍यू अशोक नगर में भी RAPIDX स्‍टेशनठीक ऐसा ही कनेक्टिविटी प्‍लान न्‍यू अशोक नगर RAPIDX स्टेशन के लिए भी बन रहा है। वहां पर तीन फुट ओवरब्रिज बनेंगे।इस स्टेशन को ब्‍लू लाइन के मेट्रो स्टेशन से जोड़ने के लिए 90 मीटर लंबा और 6 मीटर चौड़ा FOB बनेगा।मेट्रो स्टेशन और RAPIDX स्टेशन की दूरी करीब 100 मीटर है। FOB की ऊंचाई करीब 8 मीटर रहेगी।दो और FOBs के जरिए पास के चिल्ला गांव और मयूर विहार एक्सटेंशन तक कनेक्टिविटी दी जाएगी।न्‍यू अशोक नगर में रहने वालों के लिए स्टेशन के दूसरी ओर प्राचीन शिव मंदिर के पास 45 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा फुट ओवरब्रिज बनाया जाएगा।अभी आनंद विहार RAPIDX स्टेशन पर कोई FOB बनाने का प्लान नहीं है। पहले से मौजूद एक ओवरब्रिज मेट्रो कॉम्‍प्‍लेक्‍स को चौधरी चरण सिंह मार्ग से जोड़ता है। यही FOB RAPIDX स्टेशन को सीढ़ियों और एस्केलेटर्स से कनेक्ट करेगा।दिल्‍ली में RAPIDX नेटवर्क का चौथा स्टेशन जंगपुरा में बनेगा। नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) के एक अधिकारी ने कहा कि फुट ओवरब्रिज से RAPIDX के यात्रियों की एक्सेसिबिलिटी बढ़ेगी। उन्हें व्‍यस्‍त सड़कों से गुजरने का जोखिम मोल नहीं लेना पड़ेगा।