
1980 के दशक में एलटीटीई के संपर्क में आयारविचंद्रन तमिलनाडु के थुटुकुड़ी जिले में विलातीकुलम का रहने वाला है। 1980 के दशक में एलटीटीई के संपर्क में आया था। रविचंद्रन ने बताया था कि वह इस संगठन के बनने से पहले ही लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर्स इलम के नेताओं के संपर्क में था। राजीव गांधी की हत्या से पहले रविचंद्रन ने तमिलनाडु में अपनी एक ट्रैवल एजेंसी खोली। रविचंद्रन ने ही राजीव गांधी की हत्या में प्रयोग में लाई गई गाड़ी की व्यवस्था की थी। एलटीटीई कैडर ने रविचंद्रन की तरफ से उपलब्ध कराई गई गाड़ी का प्रयोग किया था।
श्रीलंका में जाकर ली थी ट्रेनिंगरविचंद्रन के बारे में कहा जाता है कि उसने राजीव गांधी की हत्या से पहले कई बार समुद्र के रास्ते श्रीलंका की यात्रा की थी। इसके साथ ही उसने एलटीटीई से श्रीलंका में ट्रेनिंग भी ली थी। ट्रेनिंग के बाद हत्या के लिए रविचंद्रन को भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रविचंद्रन तमिल नेशनल रिट्राइवल ट्रूप्स (TNRT)का संस्थापक भी था। TNRT एक तमिल अलगाववादी संगठन था। यह संगठन भारत से अलग तमिल क्षेत्र की मांग कर रहा था। इस ग्रुप में अधिक वन्नियार समूह के लोग शामिल थे। इस संगठन के लोगों को एलटीटीई की तरफ से हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती थी।
वीरप्पन की किडनैपिंग में भी शामिल था ग्रुपरविचंद्रन का ग्रुप तमिलनाडु में अपनी अलग जगह बनाना चाहता था। 1990 के शुरुआती दशक में रविचंद्रन पर इलम पीपल्स रेवोल्यूशनरी लिब्रेशन फ्रंट के महासचिव की हत्या का भी आरोप था। इसके बाद रविचंद्रन 1991 में राजीव गांधी की हत्या में भी शामिल हुआ। राजीव गांधी की हत्या के मामले में उसे पहले फांसी की सजा हुई। इसके बाद उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया।ेे साल 2002 में इस संगठन पर पोटा के तहत गाज गिरी। भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से रविचंद्रन के इस संगठन को आतंकी समूह घोषित कर दिया। बताया जाता है कि रविचंद्रन का ग्रुप साउथ के सुपरस्टार राजकुमार की किडनैपिंग में वीरप्पन की मदद की थी।
हार्वर्ड की तमिल चेयर को दिए थे 20 हजार रुपयेरविचंद्रन ने अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में तमिल चेयर के लिए अपनी जेल के काम की कमाई से ₹ 20,000 का योगदान था। रविचंद्रन ने अपने इस काम का हवाला सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दिया था। याचिका में उसने खुद को अपने इस काम के जरिये सामाजिक रूप से जागरूक बताया था। साथ ही कहा था कि यदि सुप्रीम कोर्ट उसे रिहा करने का निर्देश देगा तो वह किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा। उसने 2016 और 2017 के बीच जेल की नौकरियों से पैसा कमाया था।
पेरारिवलन की रिहाई के बाद पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट18 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारिवलन को जमानत पर रिहा किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि वह जेल में 31 साल बीता चुका है। इसके बाद रविचंद्रन ने भी नलिनी के साथ मिलकर मद्रास हाईकोर्ट में अर्जी डाली। हाईकोर्ट ने दोनों की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर समय से पहले रिहाई की मांग रखी थी। इन दोनों की याचिका पर 26 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया था। इसके बाद 11 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन समेत बाकी 5 दोषियों की समय पूर्व रिहाई का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने उनकी कैद की अवधि घटाने की सिफारिश की है।
12 नवंबर को मदुरै जेल से आया बाहरसुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 12 नवंबर को रामचंद्रन मदुरै जेल से बाहर आया। जेल से निकले के बाद दोस्तो और रिश्तेदारों ने उसका जोरदार स्वागत किया। उसे फूल की माला पहनाई। जेल से आने के बाद भविष्य की योजना के बारे में रविचंद्रन ने कहा कि उसके लिए परिवार और दोस्त पहले हैं। इन लोगों के सलाह मशवरे के बाद ही वह आगे के बारे में कोई प्लानिंग करेगा। उसने कहा कि वह अपने गांव में खेती करने के साथ ही लेखन करने की सोच रहा है।