राहुल ने Bengaluru में ‘गिग श्रमिकों’के साथ बातचीत की

चुनावी राज्य कर्नाटक में राहुल गांधी ने रविवार को ‘गिग श्रमिकों’ और विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों (डिलीवरी पर्सन) के साथ बातचीत की और अपनी पार्टी के वादे को एक बार फिर दुहराया।
उन्होंने कहा कि सामान पहुंचाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस कर्नाटक में अपने वादे के अनुरूप तीन हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित करेगी और प्रति घंटा न्यूनतम वेतन के साथ एक ‘गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड’ गठित करेगी।
कांग्रेस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ‘एक कप कॉफी और मसाला डोसा’ के साथ गांधी ने इन कर्मचारियों के जीवन, स्थायी रोजगार की कमी और बुनियादी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को समझने के लिए उनके साथ चर्चा की।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने इस बात को भी उत्सुकता से सुना कि युवाओं ने ‘गिग’ नौकरी क्यों की हैं, और उनके काम करने की स्थिति कैसी है।
पार्टी ने कहा, ‘‘अकेले बेंगलुरु में दो लाख से अधिक लोग गिग नौकरी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र में उनके लिए विशेष वादे किए हैं जिनमें मुख्य रूप से तीन हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड की स्थापना और असंगठित क्षेत्र में गिग श्रमिकों और अन्य श्रमिकों के लिए प्रति घंटा न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करना है।’’
प्रत्येक कारोबार में कुछ काम ऐसे होते हैं जिनको स्थायी कर्मचारी के बजाए गैर स्थायी कर्मचारी से कराया जा सकता है। ऐसे काम के लिए कंपनियां कर्मचारियों को काम के आधार पर भुगतान करती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो काम के बदले भुगतान के आधार पर रखे गए कर्मचारियों को ‘गिग वर्कर’ कहा जाता है।