
द सन की खबर के अनुसार, बढ़ती चिंताओं के चलते ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने अपने अमेरिका दौरे को टाल दिया है। विश्लेषकों को डर सता रहा है कि पुतिन काला सागर में बम विस्फोट कर सकते हैं जिससे सुनामी और जहरीली गैस के बादल का खतरा पैदा हो जाएगा। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि यूक्रेन में युद्ध के मैदान में इस्तेमाल से पहले आर्कटिक में एक परमाणु परीक्षण की योजना बनाई जा रही है।
पुतिन ने दिया न्यूक्लियर टेस्ट का आदेश
धमकियों और अनुमान के बीच एक दावे ने सभी की चिंताओं को बढ़ा दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में दो परमाणु परीक्षणों का आदेश दे दिया था, लेकिन ‘कुछ कारणों’ से वे हो न सके। अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि प्रक्षेपण ‘तकनीकी विफलता’ या कुछ सैन्य अधिकारियों की ‘अनिच्छा’ के चलते संभव न हो सके। जासूसों और राजनयिकों को ट्रेनिंग देने वाले मॉस्को के एक इंस्टीट्यूट में पूर्व प्रोफेसर, वरलेरी सोलोवी ने कहा, ‘यह दिखाता है कि पुतिन का अधिकार अब कमजोर हो रहा है।’
परमाणु हमले का फैसला ले चुके हैं पुतिन?उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन युद्ध में सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर पुतिन के फैसले को निस्संदेह विरोध का सामना करना पड़ेगा। मुझे नहीं पता प्रतिरोध कितना प्रभावी होगा, लेकिन पिछले दो हफ्तों में परमाणु परीक्षण होने वाले थे, एक बैरेंट्स सागर में पानी के नीचे और दूसरा आर्कान्जेस्क क्षेत्र में जमीन के नीचे। लेकिन दोनों बार टेस्ट नहीं हुए।’ रूसी राष्ट्रपति और उनके करीबियों के विशेषज्ञ सोलोवी ने दावा किया कि पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए सैद्धांतिक रूप से फैसला ले चुके हैं।
कमजोर हो रहा पुतिन का आदेश?सोलोवी ने दावा किया कि पुतिन ने हाल ही में जिन दोनों परीक्षणों का आदेश दिया था, वे ‘बाधित’ हो गए। पुतिन को ‘तकनीकी गड़बड़ियों’ को लेकर रिपोर्ट दी गई। लेकिन एक बार दुर्घटना होती है, दो बार संयोग होता है लेकिन अगर तीसरी बार भी टेस्ट उसी तरह फेल हो जाए तो साफ है कि चीफ कमांडर्स ने पुतिन के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह पुतिन के अधिकार के पतन को दिखाता है।