Priyanka Gandhi मप्र में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की शुरुआत 12 जून को जबलपुर से करेंगी

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाद्रा मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी की पूजा अर्चना करने के बाद 12 जून को जबलपुर में रोड शो और रैली के साथ अपनी पार्टी के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2018 में कांग्रेस प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के रुप में सामने आई थी लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 20 से अधिक वफादार विधायकों के विद्रोह के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी।
मध्य प्रदेश के महाकौशल इलाके का जबलपुर सबसे बड़ा शहर है। इस इलाके में कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी तथा भाजपा को सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ा था।
कांग्रेस के विधायक और प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने शनिवार को फोन पर ‘पीटीआई/भाषा’ को बताया, ‘‘प्रियंका जी सबसे पहले यहां पवित्र नदी के ग्वारीघाट तट पर नर्मदा पूजा करेंगी। इसके बाद वह रोड शो करेंगी और फिर एक जनसभा को संबोधित करेंगी। वह 12 जून को नर्मदा नदी का आशीर्वाद लेने के बाद पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान संकल्प 2023 की शुरुआत करेंगी।’’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ प्रियंका जी के प्रचार ने हिमाचल और कर्नाटक में पार्टी को बड़ी जीत दिलाई है।
जबलपुर के महापौर और कांग्रेस के नगर प्रमुख जगत बहादुर सिंह ने कहा कि प्रियंका यहां दो किलोमीटर लंबा रोड शो करेंगी और बाद में उनकी रैली में डेढ़-दो लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
उन्होंने दावा किया कि जबलपुर संभाग के लोग भाजपा शासन से तंग आ चुके हैं जिसके कारण 2023 के चुनावों में कांग्रेस महाकौशल क्षेत्र में जीत हासिल करेगी।
कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस क्षेत्र से नहीं गुजरी थी और यात्रा ने मालवा और मध्य भारत को कवर किया था तथा वहां जनता से यात्रा को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
उन्होंने कहा कि महाकौशल क्षेत्र में प्रियंका की रैली से पड़ोसी विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में भी कांग्रेस को मदद मिलेगी। इस क्षेत्र में एक मजबूत सत्ता विरोधी भावना है जहां बड़ी संख्या में आदिवासी, पारंपरिक कांग्रेस मतदाता रहते हैं।
मध्य प्रदेश में मुख्य तौर पर छह क्षेत्र – महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, मध्य भारत, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड हैं। महाकौशल या जबलपुर संभाग में – जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा सहित आठ जिले आते हैं।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 24 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने क्षेत्र के 38 विधानसभा क्षेत्रों में से 13 पर जीत हासिल की थी। वहीं, एक सीट पर कांग्रेस के करीबी निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी सात विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। छिंदवाड़ा प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ का गृह क्षेत्र है। वे कई बार क्षेत्र से लोकसभा सांसद रहे हैं और वर्तमान में विधायक हैं।
वर्ष 2013 में, कांग्रेस ने इस क्षेत्र में खराब प्रदर्शन किया तथा उसने 13 सीटें हासिल की जबकि भाजपा ने 24 सीटों पर विजय दर्ज की थी और तब भगवा पार्टी राज्य में सत्ता में आई थी।
वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ के जबलपुर संस्करण के स्थानीय संपादक मनीष गुप्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश के छह में से कम से कम तीन संभागों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली पार्टी सत्ता में आएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘महाकौशल में आने वाले चुनावों में अपनी सीटों को बरकरार रखना कांग्रेस के लिए एक चुनौती है।’’
उन्होंने याद किया कि विंध क्षेत्र में पिछली बार भाजपा ने 24 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस केवल छह सीटें ही जीत पाई थी।
पिछले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के 230 सदस्यीय सदन में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाई थी लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले जाने से कांग्रेस नीत सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आई तथा शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ।