आजमगढ़: छात्रा श्रेया तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने अभियुक्त प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय को क्लीनचिट दे दी है। इससे परिजन काफी दुखी हो गए। देर रात अलग ढंग से अभियुक्तों की हुई जेल से रिहाई के बाद पुलिस के ऊपर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं तो दूसरी तरफ परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर भरोसा करके खुद को शर्मिंदा महसूस होने की बात कह रहे हैं। श्रेया की माता-पिता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस तरह का न्याय मिलना सवाल खड़ा करता है कि आखिर एक दिन में कैसे सबकुछ बदल गया। इस तरह का न्याय मिलना आम आदमी के बस में नहीं है। वे गरीब हैं, उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा तो वहीं श्रेया तिवारी की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। रोते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अब सिर्फ योगी जी से ही न्याय की उम्मीद है। पुलिस ने इस केस को ही समाप्त कर दिया। दूसरे जिले में केस ट्रांसफर होते ही रिहा हुए आरोपीबीते 31 जुलाई को चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज की 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी ने तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी थी। इस मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करते हुए हत्या की धारा को हत्या के लिए उकसाने की धारा में बदल दिया था। इन सबके बीच प्रिंसिपल और क्लास टीचर ने सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इसी बीच शिक्षा माफिया अपनी बड़ी पहुंच का लाभ लेते हुए विवेचना को गैर जनपद मऊ ट्रांसफर करा दिया। कारण उन्हें अच्छे तरीके से पता था कि जिले के एसपी अनुराग आर्य से वो अपनी मनमानी नहीं करा सकते। हुआ भी कुछ ऐसा, जहां विवेचना ट्रांसफर होते ही दोनों अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य की कमी बताकर बरी कर दिया गया, जिसके बाद अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।