यूक्रेन युद्ध को लंबा चलाना चाहते हैं पुतिन
सीआईए प्रमुख का बयान ऐसे वक्त आया है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3 दिसंबर को स्वीकार किया था कि इस संघर्ष में थोड़ा और समय लगने वाला है। उन्होंने परमाणु युद्ध के खतरे के बढ़ने की भी चेतावनी दी थी। क्रेमलिन में रूसी मानवाधिकार परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा था कि रूस सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह रूस के परमाणु शस्त्रागार को उकसावे के बजाए बचाव का उपाय मानते हैं। इस बैठक में पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने के सिद्धांत की भी व्याख्या की।
परमाणु युद्ध पर पहले ही धमकी दे चुके हैं पुतिन
पुतिन ने कुछ दिनों पहले ही धमकी दी थी कि रूस पर परमाणु हमला करने वाले देश का नामोंनिशान मिटा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब रूस भी अपने दुश्मन पर पहले हमला करने की अमेरिका वाली रणनीति अपना सकता है। यह सिर्फ अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा। पुतिन ने यह भी ऐलान किया है कि रूस किसी भी परिस्थिति में पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। इसका मतलब यह है कि हम हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई के हालात में भी मुश्किल से ही रहेंगे। अगर हमारे क्षेत्र पर हमला होता है तो जवाबी कार्रवाई की संभावना बहुत सीमित होगी।
भारत शुरू से ही बातचीत का कर रहा समर्थन
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत शुरू से ही बातचीत और कूटनीति के इस्तेमाल का आह्वान करता रहा है। 16 दिसंबर को व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत और कूटनीति के अपने आह्वान को दोहराया था। समरकंद में भी पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जवाब दिया था कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं। मैं आपकी चिंताओं के बारे में जानता हूं। हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।