अरावली में दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीन वॉल बनाने की तैयारी, 1400 किमी लंबाई और जानें क्या होगा खास

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम: अरावली ग्रीन वॉल प्रॉजेक्ट के तहत वन विभाग ने अपना प्रपोजल भेज दिया है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द इसे अप्रूवल मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा। इस प्रॉजेक्ट की घोषणा पिछले वर्ष हुई थी। जिसके तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने पौधरोपण कर इसकी शुरुआत की थी। इसके तहत दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात तक अरावली पहाड़ी के दोनों तरफ चार से पांच किलोमीटर तक ग्रीन वॉल बनाई जानी है। इसके लिए पंचायतों से लेकर किसानों को को शामिल किया जाएगा।पहले चरण में अरावली के क्षेत्र में आने वाले प्रदेश के जिलों गुड़गांव, फरीदाबाद, नूंह, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में अरावली के किनारे पौधे लगाए जाएंगे। 75 जलाशय भी विकसित किए जाएंगे। कुल मिलाकर यह हरित दीवार 1400 किलोमीटर तक होगी। अरावली पहाड़ी के दोनों तरफ पांच-पांच किलोमीटर तक पौधे लगाए जाएंगे। यदि यह दीवार बनकर तैयार हो जाती है तो यह विश्व की सबसे लंबी ग्रीन वॉल होगी।प्रदूषण कम करने की कवायदअरावली के साथ बनने वाली ग्रीन वॉल से अरावली का संरक्षण तो होगा ही साथ ही शहरों की हवा भी बेहतर होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दीवार के बनने से प्रदूषण के कणों के लिए यह ढाल बनेगी। साथ ही जो आशंका जताई जाती है कि कहीं रेगिस्तान का विस्तार इन इलाकों तक न हो जाए, उसका समाधान भी इस योजना से हो जाएगा। जिला वन अधिकारी राजीव तेजियान का कहना है कि इस दीवार से विंड ब्रेक होगी। इसके बन जाने से राजस्थान से चलने वाली रेतीली और धूल-मिट्टी युक्त हवाएं दिल्ली-एनसीआर तक नहीं पहुंच सकेंगी। यह अफ्रीका की ग्रेट ग्रीन वॉल परियोजना की तर्ज पर बनाया जा रहा है।स्थानीय पौधों से तैयार होगी दीवारजिला वन अधिकारी राजीव तेजियान ने बताया कि अरावली के इस हिस्से में जो पौधे चल सकते हैं उन्हें ही लगाया जाएगा। स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाकर उनकी देखभाल की जाएगी। बाहरी पौधे यहां विकसित नहीं हो पाएंगे। ऐसे में यहां की प्रजातियों को चुना जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रॉजेक्ट से स्थानीय पेड़-पौधे लगाकर अरावली रेंज में जैव विविधता और पारिस्थितिकी को बेहतर किया जाएगा। वन्यजीवों के लिए की सुरक्षा और अनुकूलन के साथ इससे पानी की गुणवत्ता और मात्रा में भी सुधार होगा।एग्रोफोरेस्ट्री को दिया जाएगा बढ़ावाइस योजना के तहत पंचायतों से लेकर किसानों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाना है। इसके लिए एग्रोफोरेस्ट्री के बारे में लोगों को बताया जाएगा। ऐसे में सामूहिक भागीदारी से यह हरित दीवार तैयार होगी। इसके तहत खेतों में पेड़ लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।