मुंबई: आपके वॉट्सऐप पुलिसकर्मी का आईडी कार्ड आता है, तो सावधान हो जाएं। अगर कोई मनी लॉन्ड्रिंग या मादक पदार्थों की तस्करी करने में आपके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के शामिल होने की बात कहता है, तो साइबर क्राइम का शिकार हो सकते हैं। इन दिनों कई लोगों को वॉट्सऐप पर मुंबई पुलिस या अन्य राज्यों में कार्यरत पुलिसकर्मियों के आईडी कार्ड मिल रहे हैं। जिन्हें देखकर लोग डर में साइबर क्राइम का निशाना बन रहे हैं। दरअसल, आईडी कार्ड आने के बाद अचानक अज्ञात नंबर से उन्हें कॉल आता है और पुलिस कार्रवाई की बात कही जाती है। ये लोग साइबर क्रिमिनल होते हैं।मुंबई पुलिस ने इस तरह के साइबर अपराध को लेकर लोगों से अपील की है कि आईडी कार्ड भेजने वाले को असली पुलिसकर्मी न समझें। पुलिस आईडी कार्ड दिखाकर साइबर क्रिमिनल्स ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं।क्या है मॉडस ऑपरेंडीपुलिस सूत्रों के अनुसार, साइबर क्रिमिनल्स लोगों को पुलिस अधिकारी बताकर कॉल करते हैं और कहते हैं कि आपका आधार कार्ड का नंबर और उसके मोबाइल नंबर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया गया है। पुलिसकर्मी का आईडी कार्ड को देखकर पीड़ित व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया में फंसने की आशंका से डर से ऑनलाइन तरीके से रकम ट्रांसफर कर देते हैं। प्रशासन ने किया सावधानमुंबई पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि ऑनलाइन ठगी के लिए मुंबई पुलिस के फर्जी आईडी कार्ड का इस्तेमाल हो रहा है। मुंबई पुलिस अधिकारी अपनी पहचान साबित करने के लिए आईडी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर इस तरह के दावे करता है, तो मुंबई पुलिस को ट्वीट करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। फर्जी पुलिसकर्मी का आया था कॉलमुंबई की रहने वाली एक महिला ने पिछले दिनों मुंबई पुलिस से शिकायत की थी कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने के लिए किसी नरेश गुप्ता बनर्जी का 6360538989 नंबर से कॉल आया था। उसने खुद को पुलिसकर्मी बताया और आईडी कार्ड भी वॉट्सऐप किया। कार्ड पर मुंबई पुलिस की मुहर एवं अंधेरी में कार्यरत होने का जिक्र था। उस व्यक्ति ने महिला को ड्रग्स केस में भी संलिप्त होने की धमकी दी और कोर्ट-पुलिस के चक्कर से बचने के लिए मोटी रकम की मांग की। हालांकि, महिला ने सूझबूझ दिखाई और मुंबई पुलिस से संपर्क किया।